EVM में उम्मीदवार के नाम के आगे पार्टी चुनाव चिन्ह की जगह तस्वीर का मामला, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटिस जारी करने से इनकार से तो इनकार कर दिया, लेकिन याचिकाकर्ता, भाजपा नेता और वकील, अश्विनी कुमार उपाध्याय, से अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल को याचिका की कॉपी देने के लिए कहा है। उनकी याचिका में EVM में उम्मीदवार के नाम के आगे पार्टी चुनाव चिन्ह की जगह तस्वीर, आयु, योग्यता लिखने की मांग की गई है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बोबडे और प्रधान न्यायाधीश एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और वकील उपाध्याय से याचिका की एक प्रति केके वेणुगोपाल को देने के लिए कहा।
याचिका में कहा गया है कि पार्टी का प्रतीक भ्रष्टाचार और अपराधीकरण किसी भी रूप में देखे जा सकते हैं, इसलिए राजनीतिक वोट प्रतीक के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर उम्मीदवारों के नाम, आयु, योग्यता और फोटोग्राफ का उपयोग करने के लिए उचित आदेश और निर्देश मांगे हैं। ऐसा करने से लोग बेहतर उम्मीदवार का चयन कर सकेंगे।
याचिकाकर्ता, उपाध्याय की ओर से पेश हुए पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने आज शीर्ष अदालत से कहा कि उन्होंने जांच की और पाया कि ब्राजील में आपको सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नंबर मिलते हैं और कोई प्रतीक नहीं।
इसपर CJI बोबडे ने सिंह से पूछा कि चुनाव चिह्न किस तरह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। सिंह ने बाद में जवाब देने को कहा। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगले सप्ताह सूचीबद्ध करते हुए कहा कि आप एजी और एसजी को याचिका की प्रतियां दे दें। फिलहाल हम कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं।