बॉर्डर सील पर सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली-यूपी-हरियाणा के लिए हो एक ही पास

- दिल्ली एनसीआर के लोग इस वक्त बॉर्डर सील की वजह से परेशान
- एनसीआर के लोग दिल्ली नहीं आ पाते, दिल्ली के लोग बाहर नहीं जा पाते
- इसपर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, कहा गया कि दिल्ली-एनसीआर के लिए कॉमन पास बने
- दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार से इसका समाधान निकालने को कहा
नई दिल्ली
कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच बॉर्डर सील होने से परेशान लोगों को जल्द राहत मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई करते हुए कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के लिए एक ही पास होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक कॉमन पास बने जिसकी हरियाणा, यूपी और दिल्ली तीनों राज्यों में मान्यता हो।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, हरियाणा सरकार और यूपी सरकार से कहा है कि वह एक मीटिंग करे और इंटर स्टेट लोगों को आने जाने को लेकर एक कॉमन पॉलिसी व पॉर्टल बनाए। कोरोना महामारी के मद्देनजर दिल्ली और एनसीआर में आने जाने को लेकर राज्य सरकारों ने पाबंदियां लगा रखी है। अदालत ने कहा कि दिल्ली एनसीआर के लिए एक कॉमन पास होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि इन राज्यों को चाहिए कि वह दिल्ली एनसीआर इलाके में एक कॉमन प्रोग्राम तैयार करे ताकि लोगों को आने जाने में सहूलियत हो। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि दिल्ली एनसीआर के लिए तर्कपूर्ण समान पॉलिसी बनाएं। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अनिंदिता मित्रा की ओर से ये मामला उठआया गया और कहा गया कि दिल्ली और एनसीआर के बॉर्डर पर आने जाने वालों के लिए पाबंदी लगा दी गई है। ये पाबंदी कोरोना वायरस महामारी के समय लगाई गई है।
अगले हफ्ते तक टली सुनवाई
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को एनसीआर के लिए एक कॉमन पास बनाना चाहिए। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में निर्देश लेकर आएं और मामले की सुनवाई अगले हफ्ते के लिए टाल दी है। मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने बॉर्डर पर अपना प्रतिबंध हटा लिया है। 15 मई को इस मामले में दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार और तीनों राज्यों यूपी, दिल्ली और हरियाणा से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने को कहा था।
समाधान खोजे केंद्र
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर को सील किया गया है और ये गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि यूपी और हरियाणा के जिला प्रशासन ने जो बॉर्डर सील करने का आदेश पारित किया है वह असंवैधानिक करार दिया जाए। बॉर्डर सील करने का एकतरफा आदेश बिना किसी आधार के है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील होने के मामले में समाधान खोजे। अदालत ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर के लिए एक ही पास होना चाहिए। अदालत ने तीनों राज्यों से कहा है कि वह इस मामले में समाधान निकालें और एक कॉमन नीति तैयार करें इस मामले में केंद्र सरकार से समाधान देखने को कहा गया है।
पहले राज्य फिर दिल्ली ने सील किए थे बॉर्डर
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पहले उत्तर प्रदेश ने नोएडा और गाजियाबाद के बॉर्डर सील किए। इन्हें बीच में खोला गया लेकिन फिर सील किया गया। इसी तरह हरियाणा ने गुड़गांव और फरीदाबाद के सारे बॉर्डर सील किए। बीच में इन्हें भी खोला गया लेकिन फिर सील किया गया। फिर जब एक जून से हरियाणा ने ढील देने की बात कही तो अरविंद केजरीवाल ने 8 जून तक के लिए यूपी और हरियाणा बॉर्डर सील कर दिए।
गुड़गांव पर दिखी थी ढील, नोएडा-गाजियाबाद में सख्ती
बुधवार को 33 दिन बाद दिल्ली-गुरुग्राम के बीच लोगों की आवाजाही बिना रोक-टोक होने लगी थी। बॉर्डर पर हरियाणा सीमा में कुछ जगहों से पुलिस ने बैरिकेडिंग हटानी भी शुरू कर दी थीं। दिल्ली-गुरुग्राम के बीच सबसे अहम रजोकरी बॉर्डर पर बुधवार सुबह ही पुलिस ने बैरिकेडिंग हटा दी थी। इससे लोगों को जाम से छुटकारा मिल गया। वहां पुलिसकर्मियों की संख्या भी कम कर दी गई थी। दिल्ली की तरफ आ रहे लोगों से भी अधिक पूछताछ नहीं की जा रही थी। कापसहेड़ा बॉर्डर पर भी सुबह के समय कुछ पूछताछ हुई, लेकिन इसके बाद लोगों को बेरोकटोक आने-जाने दिया गया।
वहीं उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजीपुर बॉर्डर पर स्थिति दूसरी थी। यहां चेकिंग जमकर हुई। ईस्ट दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर से गुजरने वालों को आजकल अजीब हालात का सामना करना पड़ रहा है। कभी तो बॉर्डर पर चेकिंग सख्त कर दी जाती है जिस कारण लंबा जाम लग जाता है, तो कभी पुलिसवाले सबकुछ खुला छोड़ देते हैं। यह हाल केवल गाजियाबाद की तरफ जाने वाले रूट का ही नहीं है, बल्कि गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले रूट पर भी यही हालात हैं।