दिल्ली-NCR में बेलगाम प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र से उपाय करने कहा, दिवाली बाद अगली सुनवाई

दिल्ली-NCR में बेलगाम प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र से उपाय करने कहा, दिवाली बाद अगली सुनवाई

नई दिल्ली । दिल्ली-एएनसीआर की हवा लगातार जानलेवा होती जा रही है। इसको लेकर तमाम दावे और फैसले लिए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई सकारात्मक असर होता नजर नहीं आ रहा है। हर साल दिवाली से पहले सांस लेना भारी हो जाता है। शुक्रवार को भी दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बनाया गया आयोग आज से ही काम शुरू कर देगा। इसपर शीर्ष अदालत के सख्त लहजे में कहा कि ये सुनिश्चित किया जाए कि दिल्ली को स्मॉग से मुक्ति मिले।

अदालत अब वायु प्रदूषण के मामले में दिवाली की छुट्टी के बाद सुनवाई करेगी। सॉलिसिटर जनरल द्वारा बताया गया कि प्रदूषण पर लगाम के लिए घोषित आयोग के सदस्यों के नाम तय कर दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बनाए गए आयोग के पदाधिकारियों के नाम जारी किए गए हैं। इसमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पूर्व सचिव MM कुट्टी को आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा 14 और सदस्य इसमें शामिल रहेंगे। वहीं, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब के अधिकारी भी इसमें अपनी सेवा देंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी हर साल केंद्र को बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर फटकार लगाती है। इस बार भी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है और सुनवाई की जा रही है।

ज्ञात हो, हाल ही में गत 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के ही सेवानिवृत न्यायाधीश मदन बी. लोकूर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जो कि वायु प्रदूषण कम करने और पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब की सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी करती। हालांकि, इसे लागू न करने को लेकर केंद्र ने कोर्ट से अपील की थी।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वायु प्रदूषण और पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार कानून लाएगी। हालांकि, कानून लाया गया और तुरंत लागू भी कर दिया गया, लेकिन फिलहाल उसका कोई पॉजिटिव असर नहीं देखा गया है।


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