अंधविश्वास: कोरोना का कहर रुके, इसलिए मजदूर ने मंदिर में काट ली जीभ‍!

अंधविश्वास: कोरोना का कहर रुके, इसलिए मजदूर ने मंदिर में काट ली जीभ‍!
हाइलाइट्स
  • गुजरात में कोरोना के कहर के बीच सामने आया अंधविश्वास का मामला
  • बनासकांठा के मंदिर में मजदूर ने काटी जीभ, लोगों का दावा- कोरोना रोकने के लिए किया ऐसा
  • मजदूर को बीएसएफ ने अस्पताल में कराया भर्ती, पुलिस ने शुरू की मामले की जांच

अहमदाबाद
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच गुजरात में अंधविश्वास के कारण एक मजदूर ने अपनी जीभ काट दी। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुरैना का रहने वाला ये मजदूर पालनपुर में नौकरी करता था और देश में कोरोना के कहर को रोकने और देवी को खुश करने के लिए उसने कथित रूप से अपनी जीभ उन्हें चढ़ा दी।

यह घटना सीमांत जिले बनासकांठा के नादेश्वरी इलाके में हुई। भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से 18 किलोमीटर दूर इस गांव में रहने वाला विवेक मध्य प्रदेश के मुरैना से यहां आया था। विवेक शर्मा को यहां आठ अन्य मजदूरों के साथ सुईगाम में भवानी माता के मंदिर निर्माण के काम में लगाया गया था। करीब दो महीने से मंदिर निर्माण में जुटा विवेक देवी का भक्त था।

‘सामान लेने बाजार जाने को निकला था’
शनिवार को वह अपने साथियों से यह कहकर निकला कि वह बाजार से कुछ सामान लेकर वापस लौट आएगा। हालांकि घर से निकलने के बाद जब वह शाम तक नहीं लौटा तो दोस्तों ने उसे फोन लगाया। इस दौरान एक अन्य शख्स ने फोन उठाकर कहा कि विवेक ने यहां के नादेश्वरी मंदिर में अपनी जीभ काट ली है। पुलिस के मुताबिक, विवेक को मंदिर के परिसर में बेहोश देखकर यहां के पुजारियों ने बीएसएफ के एक कमांडर को इसके बारे में बताया था। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया।

मंदिर के पुजारी ने बीएसएफ को बताया
स्थानीय लोगों का दावा है कि विवेक ने देवी को अपनी जीभ चढ़ाकर कोरोना के कहर को रोकने की प्रार्थना करना चाहा था। हालांकि मंदिर में विवेक की जीभ उसके हाथ में ही मिली है। पुलिस का कहना है कि दावों और हकीकत में कितनी सत्यता है, इसके लिए अधिकारी जांच में जुटे हैं और इन्वेस्टिगेशन के बाद ही ये साफ हो सकेगा कि घटना के पीछे का कारण क्या है।


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