लोकसभा की ज‍िन तीन सीटों पर हारी थी भाजपा वहां है सुभासपा का जलवा

पिछले लोकसभा के चुनाव में पूर्वांचल की अहम सीटों में शुमार गाजीपुर, घोषी व जौनपुर लोकसभा सीट भाजपा हार गई थी। तीनों सीटें सपा-बसपा के कारण बसपा के खाते में चली गई थी। अब इन सभी सीटों पर भाजपा का पूरा फोकस है। वह हर हाल में पिछले चुनाव में विपक्ष के खाते में गई सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है। सुभासपा के साथ आने के बाद अच्छा खासा वोट बैंक भाजपा को मिलना तय है, जो भाजपा के लिए जीत की राह आसान करेगा।

ओपी राजभर ने कभी अख‍िलेश को दी थी सड़क पर संघर्ष करने की सलाह

सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने कभी अखिलेश यादव को वातानुकूलित कमरे से बाहर निकलकर सड़क पर संघर्ष करने की सलाह दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि सपा और बसपा को वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ना चाहिये। उनकी दलील थी कि जब दोनों ही दल पिछड़ों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं तो फिर चुनाव अलग- अलग क्यों लड़ते हैं। अब सुभासपा ने भाजपा के साथ हाथ म‍िलाया है।

2022 में सुभासपा ने सपा के साथ लड़ा था व‍िधानसभा चुनाव

बता दें क‍ि सुभासपा और सपा ने 2022 का विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था। सुभासपा ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह पर जीत हासिल की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थी और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद सत्ता में शामिल भी हुई थी लेकिन बाद में पार्टी सरकार से अलग हो गयी थी।

 

अमित शाह ने ट्वीट कर कहा क‍ि ओपी राजभर से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं ।

राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।

ओपी राजभर ने ट्वीट कर कहा क‍ि भाजपा और सुभासपा आए साथ। सामाजिक न्याय देश की रक्षा- सुरक्षा, सुशासन वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेगी।