CBSE 12वीं परीक्षा की रिजल्ट स्कीम से संतुष्ट नहीं छात्र, SC में दी चुनौती
- सुप्रीम कोर्ट की ओर से फॉर्मूले को रजामंदी देने के बावजूद अब 1152 छात्रों ने इसे चुनौती दी है.
नई दिल्ली: सीबीएसई (CBSE) के 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणामों के फार्मूले से छात्र संतुष्ट नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से फॉर्मूले को रजामंदी देने के बावजूद अब 1152 छात्रों ने इसे चुनौती दी है. यही नहीं एक याचिका दायर कर छात्रों ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कुछ सुझाव भी दिए हैं. वकील मनु जेटली के जरिए दाखिल याचिका में छात्रों ने कंपार्टमेंट, पिछले कई सालों से पास होने की उम्मीद में इम्तिहान देने वाले, पत्राचार से बारहवीं करने वाले, ड्रॉप आउट, प्राइवेट छात्रों के लिए भी नीति बनाने की मांग की है. इन वर्गों के तहत परीक्षा देने वाले छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों आदि की स्वास्थ्य सुरक्षा सहित सभी जरूरी इंतजाम करने के मुद्दे भी याचिका में उठाए गए हैं.
बुनियादी अधिकारों में समानता को बनाया आधार
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून को सीबीएसई को 12वीं की परीक्षाओं के नंबर कैसे दिए जाएगा का खाका अदालत में पेश करने को कहा था. बोर्ड ने 17 जून को अपना फार्मूला कोर्ट को दिया जो कोर्ट ने मंजूर करते हुए रिकॉर्ड पर ले लिया. हालांकि याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि इन वर्गों के छात्रों और परीक्षार्थियों को लेकर नई स्कीम उदासीन है. ये संविधान में दिए गए बुनियादी अधिकारों में समानता के अधिकारों के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. गौरतलब है कि फरवरी में बोर्ड के सर्कुलर के मुताबिक कंपार्टमेंट, रिपिटिव, प्राइवेट, कॉरेस्पोंडेंस कोर्स आदि के परीक्षार्थियों के लिए प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, इंटरनल असेसमेंट आदि अलग से आयोजित करने के बजाय रेगुलर छात्रों के साथ ही कराए जाएंगे. याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि इन वर्गों के छात्रों की आपत्तियां भी कोर्ट मंगाए और उन्हें भी व्यावहारिक राहत दे.
सीबीएसआई के मार्किंग फॉर्मूले को सुप्रीम कोर्ट दे चुका रजामंदी
ज्ञात हो कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद होने के बाद सीबीएसई और आइसीएसई ने बीते गुरुवार को आकलन फार्मूला जारी कर दिया था. इसके तहत 12वीं का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड तक के प्रदर्शन को आधार बनाकर तैयार किया जाएगा. इनमें 10वीं और 11वीं के 30-30 फीसद और 12वीं के 40 फीसद अंक शामिल किए जाएंगे. 12वीं के आकलन में यूनिट टेस्ट, मिड-टर्म और प्री-बोर्ड को आधार बनाया जाएगा, जबकि 11वीं की फाइनल परीक्षा के थ्योरी के और 10वीं के पांच विषयों में से किन्ही तीन विषयों के थ्योरी के प्रदर्शन के औसत को शामिल किया जाएगा, 12वीं का रिजल्ट 31 जुलाई को घोषित हो जाएगा. इसके पहले कोरोना संक्रमण के बीच अभिभावकों और छात्रों की मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने का एलान किया था.