40 जिंदगियां बचाने की जद्दोजहद…उत्तरकाशी की सुरंग में 5 दिन से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन

40 जिंदगियां बचाने की जद्दोजहद…उत्तरकाशी की सुरंग में 5 दिन से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तराकाशी में सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए 24 घंटों रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन पिछले पांच दिनों से सुरंग में फंसे मजदूरों में से किसी को बाहर नहीं निकाला गया है.

New Delhi: उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को  बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच खबर आई है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि सुरंग में पाइप डालने की कोशिश की जा रही है लेकिन किसी कठोर वस्तु ने रास्ता रोक लिया है. जिसके चलते चौथा पाइप अभी तक आधा पहुंच पाया है. इससे पहले तीन पाइप को पूरी तरह से सुरंग के मलबे में ड्रिल कर लगा दिया गया है, लेकिन चौथा पाइप लगाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

बता दें कि पिछले पांच दिनों से इस निर्माणाधीन सुरंग में 40 मजदूर जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. उन्हें बचाने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं. अभी तक कुल तीन पाइप ही डाले गए हैं लेकिन अभी 7 से 9 पाइप डाले जाने बाकी हैं. मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग में कुल 10-12 पाइप डाले जाएंगे. जिसके जरिए मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जाएगा.

नई मशीन से चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

सिलक्यारा टनल में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच जनरल वीके सिंह (रिटायर्ड) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल व एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने निर्माणाधीन सुरंग व रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जरूरी जानकारियां दी. इसके साथ ही जनरल सिंह ने सुरंग के अंदर जाकर भी भूस्खलन वाली जगह का निरीक्षण किया.

वीके सिंह ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालना पहली प्राथमिकता है. इसके लिए प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं.  सिंह ने कहा कि जब रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ तो मलबा गिर रहा था. इसलिए मशीन से यहां ड्रिलिंग कर लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन पुरानी मशीन में कुछ रुकावट आने के बाद नई मशीन को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया है. जिसकी पावर और स्पीड पुरानी मशीन से अधिक है. उन्होंने कहा कि ये कोशिश की जा रही है कि रेस्क्यू ऑपरेशन को जल्द से जल्द खत्म कर दिया जाए.

मजदूरों को निकालन के लिए अभी कितना लगेगा समय

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गुरुवार शाम तक सिर्फ 12 मीटर पाइप ही अंदर डाला गया है. इन पाइपों को वेल्डिंग कर जोड़ने में एक से दो घंटे का समय लग रहा है. वहीं पाइपों का एलाइनमेंट सही रखने की भी चुनौती बनी हुई है. जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी और वक्त लग सकता है. बता दें कि बीते रविवार को सुबह करीब साढ़ें पांच बजे सिलक्यारा टनल में भूस्खलन हुआ था. जिसके बाद 40 मजदूर टनल में ही फंस गए. सिलक्यारा सुरंग में 70 मीटर तक मलबा फैला हुआ है. जिस गति से नई मशीन ड्रिलिंग कर रही है, उसे देखकर लग रहा है कि अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 48 घंटे का समय और लग सकता है.


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