नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने आतंक (Terrorism) पर तगड़ी चोट की है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्‍त संदेश देते हुए जैश-ए-मोहम्‍मद के सदस्‍य आशिक अहमद नेंगरू (Ashiq Ahmed Nengroo) को आंतकी घोषित कर दिया है। आशिक अहमद नेंगरू जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का खूंखार कमांडर है। बताया जाता है कि पुलवामा हमले के साजिशकर्ताओं में यह भी शामिल था। इसके जम्मू-कश्मीर में विभिन्न आतंकी घटनाओं में शामिल होने के सबूत भी मिले हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आशिक अहमद नेंगरू (Ashiq Ahmed Nengroo) जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने में शामिल है। यह केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमले की अनेक घटनाओं का भी जिम्‍मेदार है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि नेंगरू कश्मीर में एक आतंकी सिंडिकेट भी चला रहा है। मौजूदा वक्‍त में वह जम्मू-कश्मीर में कायम की गई शांति को भंग करने के लिए आतंकी हमलों को अंजाम देने के खतरनाक अभियान में लगा हुआ है।

देश की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बने जैश के कमांडर आशिक अहमद नेंगरू (Ashiq Ahmed Nengroo) के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आतंकी नामित किए जाने के बाद उसको अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने में सहूलियत होगी। भारत अब दूसरे देशों के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को लेकर बात करेगा। यही नहीं इनकी घेरेबंदी की रणनीति को लेकर दूसरे मुल्‍कों को जानकारी साझा की जाएगी। इससे दूसरे मुल्‍क भी इन आतंकियों के खिलाफ कदम उठा सकेंगे।

मंत्रालय ने कहा कि नेंगरू को आतंकी घटनाओं के लिए जिम्‍मेदार ठहराने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के प्रविधानों के तहत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है। सनद रहे हाल ही में सरकार ने मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को आतंकियों की लिस्‍ट में शामिल किया था। आतंकी सरगनाओं पर नकेल कसने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून 1967 में जरूरी संशोधन भी किया गया है।