महिला और बालिकाओं के प्रति अपराध करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाही की जाए- जिलाधिकारी

महिला और बालिकाओं के प्रति अपराध करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाही की जाए- जिलाधिकारी
  • उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना के अंतर्गत पीड़ित महिलाओं की मिलेंगी सहायता – अखिलेश सिंह

सहारनपुर [24CN]। जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण मिशन के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं/बालिकाओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही क्षतिपूर्ति प्रदान कर आर्थिक सहायता दिलाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि महिलाओं का उत्पीड़न करने वालों को चिन्हित कर दण्ड़ित किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला व बालिकाओं का जागरूक करने के लिए नियमित कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए।

श्री अखिलेश सिंह आज यहां कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना के अन्तर्गत गठित जिला संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।  उन्होने दहेज मृत्यु, पोक्सो एक्ट एवं बलात्कार  के 51 प्रकरणों पर चर्चा की। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण मिशन के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं/बालिकाओं को आर्थिक सहायता व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर, उन्हें क्षतिपूर्ति प्रदान कर सम्मान जनक जीवन जीने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष की स्थापना की गयी है। इस योजना में जनता की सहभागिता एवं सहयोग का भी प्राविधान किया गया है। जिसके तहत जन सामान्य के लोग भी इसमें अपना अंशदान कर सकते है। जो कि आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत छूट प्राप्त है।

जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना वेबपोर्टल के माध्यम से आॅनलाइन प्रारम्भ की गयी है। जिसमें जन सामान्य के लिये वेबसाइट ीजजचरूध्ध्उंीपसंांसलंदण्नचण्दपबण्पदध्उेाध् पर अन्तराफलक (इन्टरफेस) उपलब्ध है, जिसे लाग इन करके कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से देख व समझ सकता है। इस योजना की सबसे बडी विशेषता यह है कि इसमें जघन्य अपराध की शिकार सभी पीडिताओं को क्षतिपूर्ति के रूप में धनराशि प्रदान की जाती है। जिसके लिए पीडिता की आय सीमा/आर्थिक स्थिति का कोई मानक निर्धारित नही है। इसके तहत क्षतिपूर्ति की धनराशि प्राप्त करने के लिए पीडिता को कोई आवेदन नही करना पडता। बल्कि संबंधित थाने पर एफ0आई0आर0 दर्ज होने या किसी चिकित्सालय में मेडिकोलीगल परीक्षण कराने के उपरान्त पुलिस व चिकित्सा विभाग के संबंधित नोडल अधिकारी ही पीडिता की डिटेल आॅनलाईन पोर्टल पर फीड करते है। जिसके उपरान्त निर्धारित प्रक्रिया के तहत यथा शीघ्र पीडिता को आर्थिक क्षतिपूर्ति की धनराशि प्राप्त हो जाती है। तथा यथा आवश्यकता पीडिता के अवयस्क बच्चों के भरण पोषण व शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है।
बैठक मंे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ0 एस0चन्नप्पा, एस0पी0 यातायात श्री प्रेमचन्द, मुख्य कोषाधिकारी श्री सत्येन्द्र सागर, ए0सी0एम0ओ0 डाॅ0 विक्रम सिंह पुण्डीर, जिला शासकीय अधिवक्ता श्री सतीश सैनी, उप निरीक्षक महिला थाना सुश्री मन्जू रानी, जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री पुष्पेन्द्र सिंह, सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।