रुक जाओ…नेपाल हिंसा में हुई भारत की एंट्री, आया PM मोदी का पहला बड़ा बयान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मोदी ने इस बात जोर दिया कि नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि नेपाल में हुई हिंसा हृदय विदारक है। उन्होंने नेपाल के नागरिकों से शांति की अपील की।
नेपाल की सड़कों पर भड़की हिंसा पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही है। पड़ोसी मुल्क में लगी आग को देखते हुए भारत भी चिंतित है। भारत ने पहले ही नेपाल में मौजूद अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। भारत सरकार भी इस पूरे मामले को लेकर बहुत करीब से नजर रखे हुए है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस पर पहली प्रतिक्रिया आई। अब इंतजार प्रधानमंत्री मोदी का था। वो भी इस पूरे मामले को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मोदी ने इस बात जोर दिया कि नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि नेपाल में हुई हिंसा हृदय विदारक है। उन्होंने नेपाल के नागरिकों से शांति की अपील की।
नेपाल में भ्रष्टाचार व सोशल मीडिया पर पाबंदी से भड़के जेन जी के आंदोलन की आग में 24 घंटे के अंदर ओली सरकार की सत्ता का सिंहासन फूंक दिया गया। पुलिस फायरिंग में 24 युवाओं की मौत के बाद देशभर में हिंसा भड़क उठी। दबाव इतना बढ़ा कि कई मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद पीएम केपी शर्मा ओली को भी इस्तीफा देना पड़ा। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद ओली हेलीकॉप्टर से सुरक्षित जगह भाग गए। इस्तीफे के बावजूद आक्रोश नहीं थमा। भीड़ ने राष्ट्रपति निवास, संसद, सुप्रीम कोर्ट, पीएम निवास सहित मंत्रियों के घर फूंक दिए। ओलीका निजी घर भी फूंका गया।
नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के एक दिन बाद बुधवार सुबह से ही सेना के जवान प्रतिबंध के आदेश लागू करने और शांति बहाल करने के लिए काठमांडू और अन्य शहरों में तैनात हो गए। इस प्रदर्शन के कारण के पी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है। मंगलवार रात 10 बजे पूरे देश के सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली नेपाली सेना ने ओली के पद छोड़ने के घंटों बाद भी जारी अशांति को नियंत्रित करने के लिए काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर शहरों समेत देश भर के कई क्षेत्रों में प्रतिबंध लगा दिए हैं।
