रामलीला मे विभिषण के भगवान श्रीराम के शरणागत के प्रसंग का मंचन

- रामलीला के मंचन का दृश्य
नकुड [इंद्रेश]। नकुड मे चल रही रामलीला मे विभिषण के भगवान श्री राम के शरणागत होने के प्रसंग को भावपूर्ण मंचन किया गया ।
लंका मे विभिषण ने रावण को माता सीता को वापस श्रीराम को सोंपकर राम से मित्रता करने का सुझाव दिया तो रावण ने विभिषण का अपमान कर उसे राजसभा से निष्कासित कर दिया। अपमानित विभिषण अपने मंत्रियो के साथ आकाश मार्ग से समुद्र तट पर डेरा डाले भगवान श्रीराम के केंप आ पहुचा। उसने प्रभु श्री राम से शरण मांगी तो श्री राम ने विभिषण को अपनाकर उसे लंका के राज्य पर अभिषिक्त कर दिया।
तब श्री राम ने अंगद को रावण के पास दूत बनाकर भेजा कि अंहकारी रावण सीता को वापस कर दे। परंतु रावण ने अंगद को ही बालि वध की याद दिलाते हुए धिक्कारा। जिस पर क्रोधित अंगद न रावण की राजसभा मे ही पैर जमा दिया। बडे बडे योद्धा अंगद का पैर नंही हिला पाये तो रावण जैसे ही अगंद का पैर उठाने के लिये झुका अंगद ने रावण से भगवान राम के पैर पकडने की नसीहत दे डाली। रामलीला के कलाकारो का मंचन बेहद मर्मस्पर्शी रहा। लोगो ने कलाकारो की खूब पं्रशंसा की। इस मौके पर रामलीला कमेटी के प्रधान भुपेंद्र गुप्ता, महामंत्री वरूण मिततल, अनिल गोयल, अक्षय , सतीश गर्ग, साहिल सिंघल, राकेश भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।