सहारनपुर में कांवडिय़ों की सेवा चरम पर, एसएसपी ने कांवडिय़ों को वितरित किए फल एवं जलपान
सहारनपुर। सावन के पवित्र महीने में सहारनपुर कांवड़ यात्रा के दौरान सेवा और समर्पण की मिसाल बनकर उभरा है। पंचक समाप्त होते ही हरिद्वार से जल लेकर लौटने वाले कांवडिय़ों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। सहारनपुर प्रशासन, पुलिस विभाग और विभिन्न सामाजिक संस्थाएं कांवडिय़ों की सेवा में तन-मन-धन से जुटी हुई हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने अम्बाला रोड स्थित कांवड़ मार्ग एवं शिविरों का निरीक्षण करते हुए शिवभक्तों को फल एवं जलपान वितरित किया। उन्होंने कहा कि कांवडिय़ों की सुरक्षा, आस्था और शांति बनाए रखने को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। शासन के निर्देशों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कांवडिय़ों से अपील की है कि बाइक का साइलेंसर न हटाएं और निर्धारित 40 किमी प्रतिघंटा की गति से ही यात्रा करें। डीजे की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न हो और केवल धार्मिक गीत ही बजें। तेज आवाज में डीजे बजाने या नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जंगल-जंगल सीसीटीवी और वीडियो कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है।
डीआईजी अभिषेक सिंह ने भी डाक कांवडिय़ों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और बताया कि नियमों के उल्लंघन पर चालान की कार्रवाई की जाएगी। कांवड़ यात्रा के इस पड़ाव पर सहारनपुर महिलाओं, बच्चों और दिव्यांग कांवडिय़ों की सबसे बड़ी मेजबानी करता नजर आ रहा है। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालु यहां से होते हुए अपने गंतव्यों की ओर बढ़ रहे हैं। हरियाणा से आई एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि हम पिछले 12 वर्षों से लगातार कांवड़ ला रहे हैं, लेकिन जैसी व्यवस्था सहारनपुर में मिली वैसी कहीं नहीं। भोले बाबा की कृपा और प्रशासन की व्यवस्था अद्भुत है।
