जम्मू। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य में मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले विशेष सुरक्षा दल एसएसजी में कटौती शुरु कर दी है। एसएसजी में तैनात सात इंस्पेक्टर और चार सब इंस्पेक्टर समेत लगभग 82 पुलिसकर्मियों को पुलिस संगठन में उनके मूल विंग में भेज दिया गया है।

एसएसजी सिर्फ पदासीन मुख्यमंत्री व उसके स्वजनों की सुरक्षा संभालेगी और मौजूदा परिस्थितियों में केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में मुख्यमंत्री नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्रियों व उनके स्वजनों की सुरक्षा का अधिकार एसएसजी से ले लिया गया है,इसलिए इसका आकार घटाया जा रहा है।

संबधित अधिकारियों ने बताया कि 18 जलाई 2021 और उसके बाद 19 सितंबर 2021 को हुई सुरक्षा समन्वय समिति (एसआरसीसी) सुरक्षा समीक्षा बैठक में ही एसएसजी के अधिकारियों व जवानों की संख्या में कटौती का फैसला किया था। बैठक में लिए गए फैसलों के आधार पर ही गृह विभाग ने जम्मू कश्मीर पुलिस के सुरक्षा विंग के एडीजीपी को 31 दिसंबर 2021 को इस संदर्भ में एक पत्र लिख एसएसजी के मानवबल और संसाधनों में कटौती के लिए कहा है।

इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि एसएसजी में अब डीआइजी और एसएसपी रैंक के अधिकारी की नियुक्ति नहीं होगी। इसमें अधिकारियों और जवानों की संख्या को सिर्फ काम चलाने में समर्थ न्यूनतम संख्या तक सीमित किया जाए और इनकी कमान डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी जाए।

जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने आज एसएसजी में तैनात 82 पुलिस अधिकाारियों व कर्मियों को वापस उनके मूल विंग में भेजने या फिर आवश्यक्तानुसार पुलिस संगठन के किसी अन्य विंग में तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके आधार पर एसएसजी से वापस बुलाए गए पांच हैड कांस्टेबल, 39 सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल को जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस बल की विभिन्न वाहिनियों में नियुक्त किया गया है। छह सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल को सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है।

एसएसजी से वापस बुलाए गए सात इंस्पेक्टर में से चार को कश्मीर जोन के तहत सिक्योरिटी विंग में भेजा गया जबकि दो पुलिस इंस्पेक्टर को सशस्त्र पुलिस बल में तैनात किया गया है।एक इंस्पेक्टर को जम्मू जाेन में भेजा गया है। टेलीकाम से संबधित चार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को भी जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस बल में भेजा गया है। चार में से तीन सब इंस्पेक्टर को आम्र्ड जोन में और एक को कश्मीर जोन में तैनात किया गया है।