बीजेपी-शिवसेना में मिटने लगी दूरियां? गठबंधन पर फडणवीस के जवाब से महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर की अटकलें
- महाराष्ट्र की राजनीति में जहां सत्तारुढ़ महा विकास अघाड़ी के दलों में सियासी खींचतान से शिवसेना की दूरियां बढ़ने लगी हैं तो बीजेपी के साथ उसकी नजदीकियां की अटकलें जोर पकड़ रही हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उथल पुथल तेज है. जहां सत्तारुढ़ महा विकास अघाड़ी के दलों में सियासी खींचतान से शिवसेना की दूरियां बढ़ने लगी हैं तो बीजेपी के साथ उसकी नजदीकियां की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. माना जा रहा है कि महा विकास अघाड़ी के कुनबे में खटकते बरतनों की आवाज से शिवसेना परेशान हो चली है और ऐसे में बीजेपी के साथ उसकी करीबियां बढ़ रही हैं. कहा जा रहा है कि दोनों पुराने साथी फिर से एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं. इन अटकलों को बल इसलिए भी मिल रहा है कि पिछले कुछ महीनों में कई बड़े नेताओं इस तरफ इशारा कर चुके हैं. अब पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दे दिए हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से जब पूछा गया कि क्या बीजेपी-शिवसेना फिर से साथ आ सकते हैं, क्या फिर दोनों के बीच गठबंधन की कोई उम्मीद हो सकती है. इस सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस कह गए कि बीजेपी शिवसेना के दुश्मन नहीं है. फडणवीस ने कहा कि उनके बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में किंतु-परंतु के लिए कोई जगह नहीं होती. शिवसेना के साथ हमारे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वो हमारी दुश्मन नहीं है. फडणवीस के इस जवाब के राजनीतिक मायने निकाले गए तो महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में इन अटकलों ने जोर पकड़ लिया है कि दोनों पार्टियां एक बार फिर साथ आ सकती हैं.
फडणवीस का ये कहना ही दिखाता है कि शिवसेना-बीजेपी के बीच विधानसभा चुनाव के बाद जो तकरार बढ़ी थी, वो अब कम होती नजर रही है. पिछले कुछ समय में इस तरह के कई संकेत मिल भी चुके हैं. देवेंद्र फडणवीस से पहले शिवसेना के कुछ नेता भी गाहे बगाहे या फिर दबी जुबान में बीजेपी से गठबंधन की बात कर चुके हैं. एनडीए के घटक दल भी कई दफा शिवसेना को बीजेपी के साथ आने का न्योता दे चुके हैं. शिवसेना सांसद संजय राउत की बीजेपी नेता आशीष शेलार के साथ मुलाकात की चर्चाएं भी हुईं, हालांकि राउत ने इससे इनकार किया था.
यह भी याद हो कि कुछ दिन पहले ही सीएम उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. ठाकरे की मुलाकात आधिकारिक थी, मगर इससे अलग होकर जब मोदी के साथ ठाकरे ने राजनीतिक मुलाकात की तो कई अकटलों ने जन्म दिया था. बाद में शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री की तारीफ भी की. इसी के बाद से बीजेपी-शिवसेना के साथ आने के कयास लगाए जाने लगे. कभी शिवसेना तो कभी बीजेपी नेताओं की बयानबाजी कई तरह के राजनीतिक संदेश दे रही है.