सपा विधायक से बर्दाश्त नहीं हुई बेटे की गिरफ्तारी, चप्पल में ही पहुंचे कोर्ट, दो बार गिरे भी
नई दिल्ली। भदोही: सपा विधायक जाहिद बेग, जो अपनी नौकरानी को सुसाइड के लिए उकसाने और बच्चों की तस्करी के मामले में वांछित थे, ने आज जिला कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। यह सरेंडर भदोही के ज्ञानपुर में सीजेएम कोर्ट में हुआ, जहां साबिया खातून की अदालत में उन्हें पेश किया गया। विधायक करीब एक घंटे तक कोर्ट में रहे और अदालत के आदेश पर उन्हें जिला कारागार ज्ञानपुर भेज दिया गया। गौरतलब है कि इससे पहले पुलिस ने विधायक के बेटे जाएम बेग को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।
विधायक का आरोप: पुलिस ने किया दुर्व्यवहार
कोर्ट से बाहर निकलते ही सपा विधायक जाहिद बेग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है, लेकिन उनके साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें खींचा और उनके साथ बदसलूकी की। उन्होंने कहा, “मैं न तो गुंडा हूं, न बदमाश, फिर मेरे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है, मुझे नहीं पता।”
अदालत परिसर में दो बार गिरे विधायक
सरेंडर के दौरान विधायक जाहिद बेग के साथ असहज स्थिति उत्पन्न हो गई। आरोप है कि कोर्ट परिसर के गेट पर पुलिस ने उन्हें खींचा, जिससे वह दो बार गिर गए। गिरे वक्त उनका चप्पल भी वहीं छूट गया। जब वह कोर्ट रूम से बाहर निकले, तो वह नंगे पांव थे। इस दौरान अदालत परिसर में विधायक के समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
वकील का आरोप: पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
विधायक जाहिद बेग के वकील तेज बहादुर यादव ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि विधायक की बायपास सर्जरी हुई है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें खींचतान में शामिल किया। यादव ने यह भी कहा कि पुलिस का यह व्यवहार न्यायालय की गरिमा के विपरीत है और अगर ऐसा ही होता रहा, तो कोर्ट में सरेंडर की प्रक्रिया ही बंद हो जाएगी।
वकील ने यह भी कहा कि वह इस मामले की शिकायत बार काउंसिल ऑफ इंडिया, मानवाधिकार आयोग, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जब यह सब घटनाक्रम हो रहा था, तब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
क्या है पूरा मामला?
घटना की जड़ सितंबर में है, जब सपा विधायक जाहिद बेग के शहर मालिकाना स्थित आवास पर एक नाबालिग नौकरानी ने आत्महत्या कर ली थी। इसके अगले दिन पुलिस ने विधायक के घर से एक और नाबालिग सहायिका को मुक्त कराया था। इस घटना के बाद पुलिस ने विधायक और उनकी पत्नी पर आत्महत्या के लिए उकसाने, बच्चों की तस्करी और बंधक बनाकर बाल श्रम कराने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी।
जांच के दौरान विधायक के बेटे जाएम बेग की संलिप्तता भी सामने आई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विधायक जाहिद बेग और उनकी पत्नी तब से फरार थे, जिनकी तलाश पुलिस कर रही थी।