अखिलेश यादव का परशुराम ‘प्रेम’, एसपी नेता बोले- राम हकीकत नहीं, काल्पनिक पात्र

अखिलेश यादव का परशुराम ‘प्रेम’, एसपी नेता बोले- राम हकीकत नहीं, काल्पनिक पात्र

  • एसपी नेता लोटन राम निषाद ने कहा, भगवान राम महज काल्पनिक पात्र हैं
  • समाजवादी पार्टी के नेता के इस बयान के बाद सियासी खेमों में मचा हड़कंप
  • हाल ही में भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने का ऐलान कर चुके हैं अखिलेश यादव

अयोध्या
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि वह हर जिले में भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाएंगे। यही नहीं, एसपी के पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा कहते हैं कि हम किसी एक को भगवान राम नहीं दे सकते। भगवान राम हमारे भी हैं। हालांकि, इस बीच समाजवादी पार्टी (एसपी) के एक नेता ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है। एसपी के नेता ने भगवान राम के अस्तित्व को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। एसपी में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष लोटन राम निषाद ने कहा है कि भगवान राम महज एक काल्पनिक पात्र हैं। इसके साथ ही राजनीतिक खेमों में हड़कंप मच गया है।

अल्लामा इकबाल ने कहा है कि मशहूर जिनके दम से है दुनिया में नाम-ए-हिंद, है राम के वजूद पे हिंदोस्तां को नाज, अहले नजर समझते हैं उनको इमाम-ए-हिंद। मतलब भगवान राम की वजह से हिंदुस्तान की दुनिया में खास पहचान है। हालांकि, राम पर समाजवादी पार्टी के नेता लोटन राम का एक कॉमेंट अब पार्टी की मुश्किलों में भी इजाफा कर सकता है।

‘भगवान राम में नहीं है कोई आस्था’
लोटन राम के बयान के बाद अब बवाल बढ़ना तय माना जा रहा है। दरअसल, एसपी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष लोटन राम निषाद कहते हैं कि उनकी भगवान राम में कोई आस्था नहीं है, बल्कि उनकी आस्था उन लोगों में है, जिन्होंने उन्हें बोलने, लिखने, पढ़ने और नौकरी का अधिकार दिलाया है।


‘डायरेक्ट फायदा जिनसे मिला, उन्हें जानता हूं’
लोटन राम निषाद ने कहा है, ‘अयोध्या में राम का मंदिर बने चाहे कृष्ण का मंदिर बने, मुझे मंदिर से कोई लेना देना नहीं है, राम के प्रति मेरी आस्था नहीं है। मेरी आस्था है तो बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान में। कर्पूरी ठाकुर में और छत्रपति शाहू जी महाराज में, जिनसे हमें बोलने का, नौकरी में जाने का, पढ़ने-लिखने का और कुर्सी पर बैठने का अधिकार मिला।’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह सभी अधिकार ज्योतिबा फूले, सावित्री बाई फूले से मिले हैं। जिनसे मुझे डायरेक्ट लाभ मिला है, मैं उनको जानता हूं।’

‘राम एक काल्पनिक पात्र हैं’
निषाद ने कहा, ‘राम थे कि नहीं, राम के अस्तित्व पर भी मैं प्रश्न खड़ा करता हूं। राम एक काल्पनिक पात्र हैं। जैसे फिल्मों की स्टोरी बनाई जाती है, वैसे ही राम एक स्टोरी के एक पात्र हैं। राम का कोई अस्तित्व नहीं है। संविधान भी कह चुका है कि राम कोई थे ही नहीं।’ इस बयान के सामने आने के बाद अब लोटन राम समेत समाजवादी पार्टी की कड़ी आलोचना की जा रही है।


विडियों समाचार