सोनिया गांधी बनीं रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष
नई दिल्लीः कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को मैराथन बैठक के बाद सोनिया गांधी से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का आग्रह करने के साथ ही संगठनात्मक बदलाव के लिए अधिकृत किया। पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई ने सोनिया गांधी को कुछ नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र की पृष्ठभूमि में नेताओं को कांग्रेस का अनुशासन एवं गरिमा बनाए रखने के लिए अपनी बातें पार्टी के मंच पर रखने की नसीहत दी और कहा कि किसी को भी पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार-विमर्श मीडिया के माध्यम से या सार्वजनिक पटल पर नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस कार्य समिति ने सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं को राय दी कि पार्टी से संबंधित मुद्दे पार्टी के मंच पर ही रखे जाएं, ताकि उपयुक्त अनुशासन भी रहे और संगठन की गरिमा भी।” कांग्रेस कार्य समिति ने कहा, ‘‘सीडब्ल्यूसी सोनिया गांधी को अधिकृत करती है कि वह जरूरी संगठनात्मक बदलाव के लिए कदम उठाएं।
सीडब्ल्यूसी एकमत से उनसे यह निवेदन भी करती है कि कोरोना काल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अगले अधिवेशन के बुलाए जाने तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के गरिमामय पद पर रहकर पार्टी का नेतृत्व करें।” प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘पिछले छह महीनों में देश पर अनेकों विपत्तियां आई हैं। देश के सामने आई चुनौतियों में एक कोरोना महामारी है। तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था व आर्थिक संकट, करोड़ों रोजगारों का नुकसान एवं बढ़ती गरीबी तथा चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ व कब्जे के दुस्साहस का संकट है।”
सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार की हर मुद्दे पर संपूर्ण विफलता को उजागर करने व विभाजनकारी राजनीति एवं भ्रामक प्रचार-प्रसार का पर्दाफाश करने वाली सबसे ताकतवर आवाज सोनिया गांधी और राहुल गांधी की है। कांग्रेस के हर आम कार्यकर्ता की व्यापक राय व इच्छा को प्रतिबिंबित करते हुए, कांग्रेस कार्यसमिति की यह बैठक सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के हाथों व प्रयासों को हरसंभव तरीके से मजबूत करने का संकल्प लेती है।”
प्रस्ताव के अनुसार, ‘सीडब्ल्यूसी की स्पष्ट राय है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और न ही किसी को दी जाएगी। आज हर कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं नेता की जिम्मेदारी है कि वह भारत के लोकतंत्र, बहुलतावाद व विविधता पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कुत्सित हमलों का डटकर मुकाबला करे।’ सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘‘ हमारे इन दोनों नेताओं की बुलंद आवाज ने, कांग्रेस के अंदर व बाहर, भारतीयों को देशवासियों के साथ खड़े हो भाजपा सरकार से जवाबदेही मांगने व सवाल पूछने के लिए प्रेरित किया है, जबकि सरकार जनता को अपने खोखले व स्वनिर्मित मुद्दों में उलझाकर रखना चाहती है।”
इससे पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के साथ ही सोनिया ने पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें।