सामाजिक व साहित्यक संस्था चेतना द्वारा प्रसिद्व कवयित्री रश्मि शाक्य का साहित्य श्री अवार्ड मिलने पर हर्ष जताया।

- डा0 दिवाकर गर्ग व प्रहलाद सिंह को संस्था चेतना द्वारा अवार्ड देकर सम्मानित करते हुऐ।
देवबंद [24CN] : प्रसिद्ध कवयित्री व युवा रचनाकार रश्मि साक्य को साहित्य संघ वाराणसी के 29वें वार्षिक अधिवेशन में सेवक स्मृति साहित्य श्री सम्मान 2020 से सम्मानित किये जाने पर उनके स्वागत में सामाजिक एंव साहित्यक संस्था चेतना द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं का सुन्दर पाठ किया। काव्य गोष्ठी में डा0 दिवाकर गर्ग ने सुनाया कि बुढा बचपन नम आंखो से कही जवानी ढूंढ रहा है, कुडे के ढेरों के भीतर रोटी पानी ढूंढ रहा है। प्रहलाद सिंह सांसिया ने कुछ युं कहा कि नई खुशियंा है नई रंगत नई बहार है आई, आओ सब मिलजुल कर करें 2020 की विदाई। परांशु जैन ने सुनाया कि एक दिन वो मुस्कुराते तन्हा रात में निकले अजब इत्तेफाह हुआ दो चांद साथ में निकले। बलराज मलिक का अन्दाजें बयंा कुछ युं था कि सरहद पर मिटने वालो को करता याद जमाना है, देश की खातिर गोली खाये ये कैसा दिवाना है। योगेन्द्र सुन्दरीयाल ने पढा कि कडवा न लगे है मगर मीठा नही होता एहसान ज्यादा कभी अच्छा नही होता।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष गौरव विवेक ने रश्मि शाक्य को सम्मान मिलने पर कहा कि युवा कवयित्री को मिला सम्मान समस्त साहित्य जगत का सम्मान है और इस तरह के सम्मान से साहित्यकारों का मनोबल बढता है और वह अपने कविता पाठ से समाज की दशा और दिशा सुधारने का और अधिक प्रयास करते है। इस अवसर पर डा0 दिवाकर गर्ग व प्रहलाद सिंह को संस्था चेतना द्वारा अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता डा0 दिवाकर गर्ग व संचालन आदेश चैहान द्वारा किया गया। इस मौके पर रजत शर्मा, कुणाल शर्मा, प्रधान शर्मा, प्रियांशू, अरविन्द कुमार, रीतिश कुमार आदि मौजूद रहे