‘तो क्या सोरोस की वजह से 2014 में जीती भाजपा’, पवन खेड़ा ने क्यों कहा ऐसा? पढ़ें क्या है मामला
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नई दिल्ली। अमेरिकी विदेशी सहायता एजेंसी USAID की फंडिंग को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। एलन मस्क के नेतृत्व वाला सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) लगातार यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) को लेकर बड़ा खुलासा कर रहा है। दावा किया गया है कि भारतीय चुनाव को प्रभावित करने के लिए USAID द्वारा फंडिंग की जा रही थी।
बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि मतदाताओं के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित तौर पर भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को नहीं!
अमित मालवीय ने कहा कि 2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। यह संगठन जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा है। इसे यूएसएड वित्त पोषित करता है।
पवन खेड़ा ने किया पलटवार
अमित मालवीय के आरोपों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता पवन खेड़ा ने जवाब दिया है। एक्स पर पोस्ट करते हुए पवन खेड़ ने लिखा,” साल 2012 में जब कथित तौर पर अनुदान दिया गया था, तब सत्ता में भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अगुआई वाली) थी।
“… 2012 में, जब चुनाव आयोग को USAID से यह फंडिंग मिली थी, तब सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस थी। इसलिए, उनके तर्क के अनुसार: सत्तारूढ़ पार्टी इस तथाकथित ‘बाहरी हस्तक्षेप’ को प्राप्त करके अपनी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रही थी। विपक्ष (भाजपा) ने सोरोस/USAID के कारण 2014 का चुनाव जीता।”बता दें कि एलन मस्क की दक्षता विभाग (DODGE) ने हाल ही में भारत समेत दुनियाभर के कई देशों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोक दी है।
पीएम के सलाहकार ने भी उठाए सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार संजीव सान्याल ने भारत को दी जाने वाली इस फंडिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने यूएसएड को मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कहा।
सान्याल ने पूछा कि भारत में मतदान प्रतिशत सुधारने के लिए खर्च किए गए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर और बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर किसे मिले?