‘…तो हम आवेदन पर विचार करेंगे’, भारत Vs इंडिया विवाद पर संयुक्त राष्ट्र ने दिया अहम बयान
देश के नाम को बदलने वाला विवाद अब विदेश तक पहुंच चुका है। इस विवाद को लेकर अब संयुक्त राष्ट्र(United Nation)ने अपने बयान में कहा है कि अगर उनके पास देश के नाम को बदलने का अनुरोध आता है तो वो इस अनुरोध पर विचार करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने तुर्की द्वारा पिछले साल अपना नाम बदलकर तुर्किये करने का भी उदाहरण दिया।
संयुक्त राष्ट्र। भारत में इन दिनों देश के नाम बदलने को लेकर विवाद चल रहा है। राजनीतिक पार्टियां इस विवाद में दो भागों पक्ष और विपक्ष में बंटी हुई है। यह विवाद और भी तब गरमाया जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के G-20 रात्रिभोज निमंत्रण में उन्हें ‘इंडिया के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ के रूप में संबोधित किया गया। इस विवाद के बीच संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र देशों से उनके नाम बदलने के अनुरोधों पर तब विचार करता है, जब उनके पास नाम बदलने के लिए उन्हें अनुरोध भेजे जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को तुर्की द्वारा पिछले साल अपना नाम बदलकर तुर्किये करने का भी उदाहरण दिया।
फरहान हक ने देश के नाम को बदलने के सभी रिपोर्टों पर एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘इंडिया’ का नाम बदलकर ‘भारत’ किया जा सकता है। उन्होंने तुर्किये के मामले में को बताते हुए कहा कि उस वक्त हमने सरकार द्वारा हमें दिए गए एक औपचारिक अनुरोध का जवाब दिया था। इस तरह के अनुरोध अगर हमें आगे भी मिलते हैं तो हम उन पर विचार करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा ‘भारत’ देश का प्राचीन नाम
भारत में देश के नाम को बदलने पर विवाद मंगलवार को तब खड़ा हो गया जब राष्ट्रपति मुर्मु द्वारा G-20 रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजा गया, जिसमें उनके पद को पारंपरिक ‘इंडिया के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ के रूप में वर्णित किया गया था। तभी से विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर देश के नाम को बदलने की योजना बनाने का आरोप लगाया था।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से भारत मुद्दे पर राजनीतिक विवाद से बचने के लिए कहा है। पीएम का ऐसा मानना है कि यह देश का प्राचीन नाम रहा है।