….तो सरकार परीक्षा भी करा सकती थी: शर्मा

- सहारनपुर में जयहिंद पब्लिक सीनियर सेकेंड्री स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करता वक्ता।
सहारनपुर [24CN] । नेशनल इंडीपेंडेंट स्कूल एलायंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार के द्वारा प्रमोटिड किए गए छात्र-छात्राओं से सीबीएसई व आईसीएससी का बच्चा पिछड़ जाएगा तथा यूपी बोर्ड, मदरसा बोर्ड व संस्कृत बोर्ड के बच्चे का मूल्यांकन बेहतर होगा।
डा. कुलभूषण शर्मा आज यहां पेपर मिल रोड स्थित जयहिंद पब्लिक सीनियर सेकेंड्री स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेहनत करने वाला बच्चा रोएगा तथा कम मेहनत करने वाले बच्चे के चेहरे पर खुशी होगी। सरकार को पूरे देश में एक समान मूल्यांकन करना चाहिए। देश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग परिस्थितियां हैं। सरकार चाहती तो परीक्षा करा सकती थी। उन्होंने कहा कि जब सरकार चुनाव करा सकती है तो परीक्षा भी करा सकती थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि हमें कोरोना के साथ ही जीना है तो सरकार स्कूलों को क्यों नहीं खोल रही है। उन्होंने कहा कि हम ऑनलाइन क्लाश चला रहे हैं। हमें समस्या है कि ग्रामीण अंचल के स्कूलों में मध्यम वर्ग के व्यक्तियों के पास स्मार्ट फोन नहीं है और शिक्षकों को वेतन देने के लिए स्कूल की प्रबंध समिति के पास पैसा नहीं है तथा अभिभावकों के सामने रेाजी-रोजी की किल्लत हो रही है। इसलिए सरकार को चाहिए कि सरकारी स्कूलों को राशन देने की बजाए निजी स्कूलों जिनमें 90 प्रतिशत बच्चे पढ़ाए जाते हैं उनमें बच्चों को मोबाइल व शिक्षकों को वेतन देने का काम करे ताकि लॉकडाउन के बावजूद स्कूलों की पढ़ाई चलती रहे।
उन्होंने कहा कि गत सरकारों द्वारा लैपटॉप दिए गए थे। उस समय इनकी आवश्यकता नहीं थी। आज स्कूली छात्र-छात्राओं को लैपटॉप व मोबाइल की आवश्यकता है तो सरकार उन्हें उपलबध कराने का काम करे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के को-आर्डिनेटर डा. अशोक मलिक ने कहा कि निजी स्कूलों के शिक्षक भुखमरी के कगार पर हैं जो मजदूरी करने को मजबूर हैं यह देश का दुर्भाग्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षक सरकार की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा में मजबूरीवश आर्थिक संकट के चलते मजदूरी करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि 60 वर्ष के बुजुर्गों को वैक्सीन बाद में लगाई जाए तथा स्कूली बच्चों को वैक्सीन लगाकर स्कूल खुलवाने चाहिए थे। इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होता तथा स्कूलों पर आर्थिक संकट भी नहीं आता।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमें आर्थिक पैकेज नहीं दे सकती तो हमें विगत चार वर्षों का आरटीई का बकाया दिया जाए जिसे शिक्षकों को वेतन दिया जा सकता है। कार्यक्रम को प्रदेश सचिव अमजद अली खान, समरीन फातमा, के. पी. सिंह, सरवर अली खान, पुष्पेंद्र कुमार शर्मा, नकली राम उपाध्याय, सुभाष कुमार खटीजा, अनुराग शर्मा, संजय शर्मा, मुकेश सहजवा, अमरीश शर्मा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बालेश्वर त्यागी व संचालन अमजद अली खान ने किया।