….तो नहीं पढ़ांगे दुर्बल वर्ग के बच्चे: मलिक
सहारनपुर [24CN]। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक मलिक ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा गत वर्षों का स्कूलों का 11 करोड़ रूपए बकाया भुगतान नहीं किया गया तो निजी स्कूल संचालक आरटीई के तहत थोपे गए बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे।
डा. अशोक मलिक ने यहां जारी बयान में कहा कि आरटीई के तहत 25 प्रतिशत गरीब व दुर्बल वर्ग के बच्चों का 2016 से 2019-20 का करीब पांच करोड़ रूपया बेसिक शिक्षा विभाग पर बकाया है। उन्होंने बताया कि 2020-21 व 21-22 के करीब छह करोड़ रूपए की धनराशि बेसिक शिक्षा विभाग ने शासन को डिमांड भेजी है। अभी तक निजी स्कूलों का 11 करोड़ रूपए का भुगतान नहीं किया गया है। इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग ने सत्र 2022-23 में नि:शुल्क एडमिशन का आदेश निजी स्कूल संचालकों पर थोप दिया है। उन्होंने कहा कि यदि मार्च तक पिछला 11 करोड़ रूपया नहीं दिया गया तो निजी स्कूल संचालक गत वर्षों में प्रवेश किए गए हजारों बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे तथा उन बच्चों को स्कूल से बाहर निकालने का काम करेंगे तथा नए एडमिशन किसी भी कीमत पर नहीं किए जाएंगे।