स्मार्ट धोखाधड़ी.. जुर्माना असली वसूला, रसीद नकली थमा दी, बिजली काटी तो समझ आया खेल

स्मार्ट धोखाधड़ी.. जुर्माना असली वसूला, रसीद नकली थमा दी, बिजली काटी तो समझ आया खेल

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) में बिजली चोरी के एवज में जुर्माना वसूलकर उपभोक्ता को फर्जी रसीद थमाने का मामला सामने आया है। उपभोक्ता बिजली काटे जाने की शिकायत लेकर अफसरों के पास पहुंचा तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आशंका जताई जा रही है कि ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं। एमडी ने जांच के साथ स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी को एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।

मामला मेरठ जोन के विद्युत नगरीय वितरण खंड-तृतीय के तारापुरी क्षेत्र का है। 13 नवंबर 2019 को स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी के कर्मचारी यहां पहुंचे। उन्होंने क्षेत्रीय जान मोहम्मद का भी मीटर बदला।

दो दिन बाद जान मोहम्मद के घर पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया कि उनके घर से उतारे गए मीटर से बिजली चोरी मिली है। उसने 58 हजार रुपये का जुर्माना बताया। 20 नवंबर को जान मोहम्मद ने उस व्यक्ति को 58 हजार दिए। उस व्यक्ति ने रुपये जमा करने की रसीद भी जान मोहम्मद को दी। 13 जनवरी को जान मोहम्मद ने स्मार्ट मीटर का पहला बिल 1260 रुपये भी जमा किया।

लाइट कटी तो हुआ खुलासा
करीब एक सप्ताह पूर्व क्षेत्रीय बिजलीघर के लाइनमैन ने उनकी बिजली काट दी। अगले दिन जान मोहम्मद की पत्नी बिजलीघर पहुंची। पता चला कि उन पर बिजली चोरी का 57 हजार रुपये बकाया है। उन्होंने रसीद दिखाई तो लाइनमैन ने उन पर ही फर्जी रसीद बनाने का आरोप लगा दिया। इसके बाद उन्होंने अधिशासी अभियंता तृतीय सचिन कुमार से शिकायत की। सुनवाई नहीं होने पर बृहस्पतिवार को पीड़ित ने ऊर्जा भवन में अफसरों से शिकायत की।

फिर चर्चा में आई डिवीजन
फर्जीवाड़े को लेकर विद्युत नगरीय वितरण खंड तृतीय पहले भी चर्चा में रहा है। इससे पहले डिवीजन में फर्जी शंट दिखाकर असली जुर्माना वसूले जाने की दर्जनों शिकायतें पहुंच चुकी हैं। उपभोक्ता वीडियोग्राफी दिखाने की अपील लेकर घूमते रहे। लेकिन अफसरों ने संज्ञान नहीं लिया। जान मोहम्मद को जुर्माने के संबंध में एक लेटर भी भेजा गया है, जिस पर अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर हैं। कुछ अफसरों ने हस्ताक्षर फर्जी होने की आशंका भी जताई है।

ऑनलाइन नहीं किया विवरण
जिस मीटर के एवज में फर्जी जुर्माना वसूला गया, वह मीटर ईईएसएल की अधीनस्थ कंपनी के कर्मचारियों ने उतारा था। मीटर उतारने के बाद इसका विवरण ऑनलाइन दर्ज नहीं किया गया।

इससे साफ है कि मीटर उतारने वालों ने प्लानिंग से काम किया। कंपनी पता लगा रही है कि इन कर्मचारियों ने कितने मीटर उतारे हैं और विभाग में कितना जुर्माना जमा हुआ है। कंपनी के अफसर ने बताया कि गड़बड़ की आशंका में इस कंपनी को नवंबर से काम नहीं दिया जा रहा है।

आठ दिन से परेशान उपभोक्ता
बिजली कटने से जान मोहम्मद का परिवार आठ दिन से परेशान है। तय जुर्माना जमा कराने पर भी लाइनमैन ने उनके घर की बिजली लाइन खंभे से काट टी। जबकि विभागीय नियमों के अनुसार स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता की बिजली खंभे से नहीं काटी जा सकती।

जांच के बाद होगी कार्रवाई
मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। कार्यदायी संस्था को भी एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा गया है। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई होगी। – अरविंद मल्लप्पा बंगारी, एमडी, पीवीवीएनएल

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