भारत-चीन तनाव: LAC पर स्थिति नाजुक, पॉलिटिकल स्तर पर बातचीत पर हैं नजरें

भारत-चीन तनाव: LAC पर स्थिति नाजुक, पॉलिटिकल स्तर पर बातचीत पर हैं नजरें

 

नई दिल्ली
ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पांचवें दिन की ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत में भी कुछ सहमति नहीं बन पाई। अब सबकी नजरें दोनों देशों के बीच पॉलिटिकल और डिप्लोमेटिक स्तर पर होने वाली बातचीत पर टिकी हैं। वहीं सीमा पर हालात को लेकर आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि देश हमपर भरोसा कर सकता है।

सेना के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, एलएसी पर हालात में जरा भी बदलाव नहीं आया है, बल्कि पैंगोंग झील का दक्षिणी किनारा तनाव का एक और पॉइंट बन गया है। उन्होंने कहा कि गलवान वैली, फिंगर एरिया, डेपसांग सभी जगह सैनिक मुस्तैद हैं। पूरे एलएसी पर सेना की तैनाती है। ब्रिगेड स्तर पर बातचीत पांच दिन से चल रही है। चुशूल में हो रही दोनों देशों के बीच ब्रिगेड स्तर की बातचीत के बारे में सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस बातचीत से कुछ बदलने की उम्मीद नहीं है लेकिन लगभग हर रोज दोनों देशों के बीच यह बातचीत होगी।

जमीनी हालत में बदलाव नहीं
अधिकारी ने कहा कि बातचीत इसलिए जरूरी है ताकि तनाव और ज्यादा ना बढ़े। हालांकि ग्राउंड पर हालात बिल्कुल नहीं बदले हैं बल्कि पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे में चीन ने अपनी तरफ ज्यादा बिल्डअप किया है। चीन ने आर्टिलरी सहित सेना की तैनाती वहां पिछले 2-3 दिनों में काफी बढ़ाई है। शुक्रवार रात मॉस्को में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री के बीच बात हो सकती है। चीन की तरफ से बातचीत की अपील की गई थी।

रूल ऑफ इंगेजमेंट बदलने से पड़ा मनोवैज्ञानिक दबाव
15 जून को गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत की तरफ से साफ कर दिया गया था कि लोकल कमांडर को पूरी छूट दी गई है और वह स्थिति के हिसाब से क्या करना है इसका फैसला ले सकते हैं। गलवान में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जिसके बाद यह सवाल उठने लगा था कि सैनिकों को फायरिंग की इजाजत क्यों नहीं दी गई। जिसके बाद देश की टॉप लीडरशिप की तरफ से और आर्मी की तरफ से भी साफ किया गया कि चीन से निपटने के लिए लोकल कमांडर हालात के हिसाब से फैसला ले सकते हैं।

सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इसका मनोवैज्ञानिक असर चीन पर दिखा क्योंकि जब 31 अगस्त को चीन के सैनिकों ने उन चोटियों पर आने की कोशिश की जहां भारतीय सैनिक तैनात हैं, तो भारतीय सेना की तरफ से सख्त चेतावनी देने के बाद वह लौट गए। उन्हें यह साफ संदेश था कि भारतीय सैनिक उन्हें अपनी एरिया में आने से रोकने के लिए कुछ भी कदम उठा सकते हैं।

आर्मी चीफ ने लिया हालात का जायजा

आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे दो दिन लद्दाख के दौरे पर थे और वहां उन्होंने फॉरवर्ड एरिया जाकर भी अधिकारियों से बात की। उन्होंने कहा कि मैं कई जगह गया और ऑफिसर, जेसीओ से बात की साथ ही स्थिति का जायजा लिया। आर्मी चीफ ने कहा कि मैं यकीन से कह सकता हूं कि हमारे जवान दुनिया में सबसे अच्छे जवान हैं, वे ना सिर्फ इंडियन आर्मी का बल्कि देश का भी नाम रोशन करेंगे।

आर्मी चीफ बोले- देश हम पर भरोसा कर सकता है
नरवणे ने कहा कि हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और देश भारतीय सेना पर भरोसा कर सकता है। जनरल नरवणे ने कहा कि एलएसी पर स्थिति नाजुक और गंभीर है। भारतीय सेना ने सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखने के लिए एलएसी पर एहतियात के तौर पर तैनाती की है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर पहले वाली स्थिति हो इसके लिए लगातार मिलिटरी और डिप्लोमेटिक स्तर पर बातचीत चल रही है और हमें यकीन है कि बातचीत से समस्या का हल निकाला जा सकता है। आर्मी चीफ ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि एलएसी पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव ना हो।

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