पीएम साहब! मेरा बेटा खतरे में है, बचा लीजिए, जापान में क्रूज पर फंसे इंजीनियर के पिता ने लगाई गुहार

पीएम साहब! मेरा बेटा खतरे में है, बचा लीजिए, जापान में क्रूज पर फंसे इंजीनियर के पिता ने लगाई गुहार

‘प्रधानमंत्री जी! सूचना है कि जिस दिन क्रूज पर कोरोना से पीड़ित एक भी मरीज नहीं मिलेगा, उसके 14 दिन बाद ही जापान सरकार यात्रियों को छोडे़गी। इससे साफ पता चलता है कि मेरे बेटे की जान को खतरा बढ़ता जा रहा है। हालांकि मेरा पुत्र ठीक है और उसकी कंपनी के उच्च अधिकारी भी उसे वापस लाने में पूरा सहयोग कर रहेे हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पा रहे हैं। लिहाजा आप से मदद की गुहार है, ताकि वह सकुशल वापस आ सके।’

यह पत्र लिखा है शास्त्रीनगर में रहने वाले वरिष्ठ चिकित्सक मूलचंद वशिष्ठ ने, जिनका सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटा पीयूष वशिष्ठ पिछले छह दिन से जापान के एक क्रूज पर फंसा है। काफी कोशिश के बाद भी उसे भारत नहीं ला पा रहे हैं।

उसे खाने पीने की दिक्कत हो रही है, क्योंकि वह शाकाहारी है और वहां मांसाहारी भोजन ज्यादा है। इसके अलावा क्रूज पर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे परिजन परेशान हैं। वे लगातार इंडियन एंबेसी में गुहार लगा रहे हैं।

परेशान होकर अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, संसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद कांता कर्दम और विधायक सोमेंद्र तोमर को पत्र लिखा है। यह युवक 25 जनवरी को गुड़गांव से हांगकांग गया था।

उसी दिन उसे कंपनी ने हांगकांग से जापान डायमंड प्रिंस क्रूज पर भेज दिया था। वह जहाज पांच फरवरी को टोक्यो के पास पहुंचा, लेकिन जापान सरकार ने उस क्रूज को अपने पोर्ट पर आने से मना कर दिया। क्योंकि उस जहाज में 3700 यात्री सवार हैं, जिनमें से लगातार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं।

क्रूज पर 135 लोगों को हो चुकी कोरोना की पुष्टि
क्रूज पर फंसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर पीयूष वशिष्ठ परेशान हैं। उसने सोमवार को व्हाट्सएप कॉलिंग कर अपना दर्द बयां किया। उसने बताया कि पहले 61 लोगों को पुष्टि हुई, इसके बाद 64 और अब कोरोना वायरस की चपेट में आए मरीजों की संख्या 135 हो चुकी है। संख्या में लगातार और तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे परेशानी बढ़ती जा रही है।

उसका कहना है कि भारत सरकार को जल्द ही उसे और उसके साथ फंसे छह अन्य भारतीय लोगों को भारत लाया जा सके। फिलहाल उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। पिछले दो दिन में वह दो बार ही कमरे से बाहर खुली हवा में निकल सका है।

क्रूज पर जितने भी लोग हैं, सबकी निगरानी की जा रही है। थर्मामीटर दिया हुआ है, ताकि वह अपना तापमान लगातार चेक करते रहें। अगर कोई दिक्कत हो तो तुरंत वहां केजिम्मेदारों से संपर्क करने के लिए कहा गया है। उसने बताया कि वह बिल्कुल स्वस्थ है। लेकिन यहां से निकलने केलिए वह परेशान है। वह जल्द से जल्द यहां से निकलना चाहता है।


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