करतारपुर साहिब से लौटे सिद्धू, पा‍किस्‍तानी पीएम इमरान खान को बड़ा भाई बताने पर दी सफाई, जानें क्‍या कहा

करतारपुर साहिब से लौटे सिद्धू, पा‍किस्‍तानी पीएम इमरान खान को बड़ा भाई बताने पर दी सफाई, जानें क्‍या कहा
  • पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्‍तान स्थित करतारपुर साहिब में दर्शन कर लौट आए। डेरा बाबा नानक पहुंचने पर उन्‍होंने पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान को बड़ा भाई बताने के बयान पर अपना पक्ष रखा। सिद्धू ने कहा कि वह शांति और दोस्‍ती क हिमायती हैं।

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आज श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए कारिडोर से होकर पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब गए।  बाद में उन्‍होंने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में माथा टेका। वह दर्शन करने के बाद डेरा बाबा नानक लौट आए हैंं। लौटने के बाद उन्‍होंने अपनी यात्रा और पाकिस्‍तान में दिए अपने बयान पर पक्ष रखा। करतारपुर साहिब में पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान को बड़ा भाई बताने के बारे में सफाई देते हुए कि भारत और प‍ाकि‍स्‍तान के बीच एकमात्र रास्‍ता दोस्‍ती ही है। दोनों देशोंं की संस्‍कृ‍ति एक है और इसलिए अमन और शांति जरूरी है।

कहा- मैं शांंति व अमन का हिमायती, भाजपा जो चाहे कहे    

उन्‍होंंने कहा कि कोई मेरी बात का भले बतंगड़ बना ले इसकी काेई परवाह नहीं, ले‍किन मैं शांंति और दाेस्‍ती की बात करता रहूंगा। सिद्धू ने कहा कि दोनाें देश के बीच व्‍यापार शुरू होना चाहिए। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा भाई बताने पर भाजपा द्वारा सवाल उठाने पर सिद्धू ने कहा ‘भाजपा को जो कहना है कहती रही। मैं शांति और दोस्‍ती का हिमायती हूं। भाजपा जो मर्जी क‍हे कहती रहे। भाजपा जो आरोप लगाना चाहे लगाए, मैं कहता हूं उनका कोई आरोप नहीं लेना।’ इसके साथ ही सिद्धू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रयासों से ही करतारपुर कारिडोर का सपना पूरा हुआ है।

सिद्धू ने कहा- सीमा खोल दें और दोनों देशाें के बीच व्‍यापार शुरू होना चाहिए  

सिद्धू ने कहा, मैं अनुरोध करता हूंं कि यदि आप पंजाब के लोगों की जिंदगी बदलना चाहते हैं तो सीमा को खोल दें और दाेनोंं देशों के बीच व्‍यापार शुरू होने दें। हम 2100 किलाेमीटर दूर मुंंद्रा पोर्ट क्‍यों जाएं? हम 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पाकिस्‍तान क्‍यों न जाएं।

इससे पहले श्री करतारपुर साहिब में मीडिया से बातचीत में सिद्धू ने पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को अपना बड़ा भाई बताया।  उनके साथ पंजाब की कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी और कांग्रेस विधायक कुलजीत सिंह जीरा भी थे। सिद्धू ने कहा कि इमरान खान मेरे बड़े भाई हैंं और उन्‍होंने मुझे बहुत प्‍यार दिया है।  इस बयान के बाद सिद्धू फिर विवाद में आ सकते हैं। इससे पंजाब में सिद्धू फिर विरोधी नेताओं के निशाने पर आ सकते हैं।

परगट सिंह ने इमरान खान को बड़ा भाई कहने पर सिद्धू का बचाव किया

दूसरी ओर, पंजाब के शिक्षामंत्री परगट सिं‍ह ने सिद्धू द्वारा पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘बड़ा भाई’ बताने के मुद्दे पर उनका बचाव किया। परगट सिंह ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी पाकिस्‍तान जाते हैं ताे वह देशप्रेमी हैं और सिद्धू वहां जाएंं ताे वह देशद्राेही कैसे हो गए। क्‍या मैं आपको भाई नहीं कह सकता। हम श्री गुरु नानकदेव जी के सिद्धांताें और बताए रास्‍ते का पालन करते हैं। ऐसे में सिद्धू के पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान को बड़ा भाई बताने पर विवाद करना फिजूल है।’

बाद में पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह भी सिद्धू के जाने के बाद डेरा बाबा नानक में करतारपुर कारिडोर पहुंंचे और इसके बाद पाकिस्‍तान स्थित गुरुद्वारा श्री  करतार साहिब के दर्शन के लिए रवाना हुए। सिद्धू को 18 नवंबर को मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी के जत्‍थे के साथ  जाने की अनुमति नहीं मिल पाई थी। करतारपुर साहिब रवाना होने से पहले सिद्धू ने कहा था कि  उन्होंने कहा, ‘लांघा (कारिडोर) खुल गया है। इसके साथ ही असंख्य संभावनाएं भी खुली हैं। मैं वहां जाकर पंजाब की ‘तरक्की की नई राह’ पर बात करूंगा।’ आज गुरुद्वारा श्री करतारपुर के लिए 370 श्रद्धालुओं को मंजूरी मिली है।

इससे पहले सुबह पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू श्री करतारपुर शहर के दर्शन करने के लिए कॉरिडोर पर पहुंचे। कारिडोर पर औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वह गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लिए रवाना हुए। उन्‍होंने करतारपुर कारिडोर पर मीडिया से बातचीत में कहा कि वह करतारपुर में पंजाब की तरक्‍की की नई राह को लेकर बात करेंगे। उन्‍होंने केंद्र सरकार द्वारा कारिडोर को फिर खोलने और कृषि कानूनों को वापस लेने का फिर स्‍वागत किया।

jagran

डेरा बाबा नानक में श्री करतारपुर साहिब रवाना होने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू। 

नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी व विधायक कुलबीर सिंह जीरा सहित कई कांग्रेस नेता शामिल हैं। इसके साथ ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के दूसरे जत्थे में अजय सिंह अभ्यासी,  गुरद्वारा यादगार इन शहीद आह्वान के मुख्य सेवादार सुखविंदर सिंह अगवान, भगवान अरिजीत सिंह, सरवन सिंह कलार  गुुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए कोरिडोर से रवाना हुए।

करतारपुर जाते समय नवजोत सिद्धू ने कहा कि मैं एक बात ही कहूंगा ‘ मुर्शीद अपने के दार पर मांगने आया यह मुराद,  हमारी चोली पा साइयां अमन ते अहित, जीवन सब मा के बच्चे रे बापूआ दे दिल शांत, अमन शांति के आपसी भाईचारे दी बाबे नानक दी विचारधारा सदा रहे आबाद।

गौरतलब है कि कोरोना के कारण दो साल से बंद पड़े करतारपुर कारिडोर के दोबारा खुलने के बाद अब दोनों ओर से (भारत व पाकिस्तान) अटारी बार्डर के जरिए फिर से व्यापार की मांग उठना शुरू हो गई है। 18 नवंबर को पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और पाकिस्तानी पंजाब के मंत्री, विधायक और संसदीय सचिव उनसे मिले तो इनमें भी दोनों देशों में व्यापार खोलने और पाकिस्तान में बनाए गए गेस्ट कंट्रोल जैसे मुद्दों पर बात हुई।

महंगाई पाकिस्तान में अहम मुद्दा है

18 नवंबर को करतारपुर में बातचीत में पाकिस्‍तान के सियालकोट से आए बाओ नीम ने बताया कि पेट्रोल 146 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुका है और चीनी भी लगभग इसी रेट पर मिल रही है, जिसने आम आदमी का जीना दुश्वार कर रखा है। जब भारत से गए जत्थे के लोगों ने उन्हें बताया कि उनके प्रदेश में भी पेट्रोल 100 रुपये पार कर गया है तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों में आम लोगों के हालात एक जैसे ही हैं। अच्छे व्यापारिक रिश्तों से लोगों को राहत दी जा सकती है।

सिद्धू का इंतजार कर रहे लोग

28 वर्षीय इमरान हैदर इस्लामाबाद में प्रापर्टी का काम करते हैं। जब उन्हें पता चला कि करतारपुर कारिडोर खुलने के बाद नवजोत सिद्धू करतारपुर साहिब में माथा टेकने के लिए आ रहे हैं तो वह अपने दो दोस्तों के साथ इस्लामाबाद से 500 किलोमीटर दूर करतारपुर साहिब आ गए, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि सिद्धू तो 20 नवंबर को आएंगे, क्योंकि उन्हें पहले दिन आने की इजाजत नहीं मिली, तो वह निराश हो गए। उन्होंने बताया कि वह सिद्धू के फैन हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू दोनों देशों में मोहब्बत फैलाने की बात करते हैं। यही कारण है कि वह उनसे मिलना चाहते हैं। कुछ लोग फैसलाबाद और अटक से भी आए थे। वह भी सिद्धू से मिलने के इच्छुक हैं।