बठिंडा। सिद्धू मूसे वाला के परिवार द्वारा उनके पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया गया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान राजा वड़िंग सिद्धू मूसे वाला के घर पर पहुंचे हुए हैं। वहीं गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गांव को आने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है। प्रताप सिंह बाजवा भी सिद्धू मूसे वाला के घर पर पहुंचे हैं। सिद्धू मूस्से वाला के पिता ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा इंसाफ की मांग की है।
सिद्धू मूसेवाला के पिता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकाैर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने बेटे शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला की मौत के लिए इंसाफ की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि आपकी सरकार की नाकामियों के कारण उनका बेटा शुभदीप सिंह उनसे हमेशा के लिए दूर हो गया है। शुभदीप की मां मुझसे पूछती है कि मेरा बेटा कहां है और कब घर वापस आएगा। मैं उसको क्या जवाब दूं? मैं आशा करता हूं कि मुझे इंसाफ मिलेगा। मेरे परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए मेरी बेनती है।
- इस केस की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाई जाए। पंजाब सरकार इस जांच में सीबीआइ व एनआइए के सहयोग को यकीनी बनाए।
- अफसरों की जवाबदेही तय की जाए। जिन्होंने उसके पुत्र की सिक्योरिटी की समीक्षा की और सिक्योरिटी वापस लेने के आर्डरों को जनतक किया।
- मेरे पुत्र ने अपनी मेहनत के साथ पंजाब का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। मगर डीजीपी पंजाब द्वारा उसके पुत्र की मौत को गैंगस्टरों के साथ जोड़कर पेश किया। इसलिए उसकी बेनती है कि डीजीपी पंजाब जनतक तौर पर माफी मांगे। वह पंजाब सरकार से इंसाफ की उम्मीद करते हैं।
सिद्धू मूसे वाला के कोठी के बाहर भारी संख्या में पुलिस मुलाजिम।
गांव को आने वाले रास्ते को पुलिस ने सील किया।
बता दें कि सिद्धू मूसेवाला रविवार को अपनी बीमार मौसी का हाल जानने के लिए अपने गांव से निकले थे। जैसे ही मानसा के गांव जवाहरके में पहुंचे तो उनकी गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। गोली लगने से घायल साथी गुरविंदर सिंह ने कहा कि मैं गाड़ी में पीछे और दूसरा दोस्त गुरप्रीत सिंह उनके साथ वाली सीट पर बैठा था।
गुरविंदर सिंह ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की मौसी बीमार थी। वह अचानक उनका हालचाल लेने जाने के लिए तैयार हो गया। गाड़ी में पांच लोगों के बैठने की जगह नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मियों को साथ नहीं बैठाया।
गुरविंदर सिंह के अनुसार जैसे ही वह गांव से कुछ दूर पहुंचे तो सबसे पहले उनके पीछे से एक फायर हुआ। इतने में एक गाड़ी उनके आगे आकर रुक गई। तभी एक युवक गाड़ी के सामने आया और उसने कई गोलियां चलाईं। मूसेवाला ने एक बार गाड़ी को भगाने का प्रयास भी किया लेकिन हमें आगे और पीछे दोनों तरफ से घेर लिया गया था।