फडणवीस को सावरकर की चिट्ठी दिखाएं, मोहन भागवत को भी दिखाएं, सच है, उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी-राहुल गांधी

फडणवीस को सावरकर की चिट्ठी दिखाएं, मोहन भागवत को भी दिखाएं, सच है, उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी-राहुल गांधी

राहुल गांधी की महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा का आज 11 वां दिन है. उन्होंने आज अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दामोदर सावरकर को लेकर फिर यह कहा कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी और वे उनके पेंशन पर थे.

New Delhi : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का महाराष्ट्र में आज (17 नवंबर, गुरुवार) 11 वां दिन है. दोपहर 1 बजे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस मौके पर उन्होंने वीर सावरकर पर दिए बयान फिर दोहराए. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास सावरकर जी की चिट्ठी है जो उन्होंने अंग्रेज अधिकारी को लिखी थी, मैं पढ़ कर सुनाता हूं. उन्होंने लिखा है- सर मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं. यह आप पढ़ लीजिए. देख लीजिए. चाहे तो फडणवीस जी यह देख लें. मोहन भागवत जी को भी दिखाएं. यह साफ है कि सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की’

राहुल गांधी ने वे डॉक्यूमेंट दिखाए जिससे वे यह सिद्ध करना चाह रहे हैं कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी और उनसे पेंशन लेते थे. सीएम एकनाथ शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले ने मांग की थी कि राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयान की वजह से उनकी भारत जोड़ो यात्रा को महाराष्ट्र में रोक देनी चाहिए. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर उनकी यात्रा को कोई रोकना चाहता है तो रोक दीजिए.

गांधी, नेहरु, पटेल नहीं झुके, लेकिन सावकर माफी मांग कर अंग्रेजों के पेंशन पर रहे

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सावरकर जी ने यह चिट्ठी साइन की थी. गांधी जी, नेहरु जी और पटेल जी भी जेल में रहे, किसी ने ऐसी चिट्ठी पर साइन नहीं की थी. महाराष्ट्र में सत्ता में बैठे एक नेता ने कहा कि इस यात्रा को रोक देना चाहिए. मैंने यह तो नहीं कहा ना कि उस नेता को ऐसा बोलने ना दो. उनका ऐसा बोलना बंद करवाओ. यह सरकार को तय करना है.’

डर ना दिखाएं, भारत जोड़ो यात्रा रोक कर दिखाएं

राहुल गांधी ने कहा, ‘अगर उन्हें लगता है कि इस यात्रा से देश को नुकसान है तो रोक दो यात्रा को. यही फर्क है हमारी राजनीति और बीजेपी की राजनीति में. बीजेपी जबान पर लगाम लगा रही है. हम तानाशाही नहीं करते.आपके अलग विचार हो सकते हैं, हमारे अलग. हम अलग-अलग विचारों के साथ रह सकते हैं.’

बीजेपी का काम का तरीका है तानाशाही, हमारे काम करने का तरीका है लोकशाही

राहुल गांधी ने कहा, ‘हम भारत जोड़ो यात्रा किसी स्वार्थ से नहीं कर रहे हैं. हमने सितंबर में यह यात्रा शुरू की, हम इस यात्रा में कन्याकुमारी से श्रीनगर तक जाएंगे. इसके पीछे हमारा चुनाव में जीत का या किसी और चीज का कोई मकसद नहीं है. यह यात्रा काम करने का एक तरीका है. हम सबको लगा था कि जो बीजेपी की अप्रोच नफरत से भरी है, डर फैलाने वाली और हिंसा फैलाने वाली है, उन्होंने हिंदुस्तान को यह रास्ता दिया है. यात्रा की कोशिश है देश को बताना कि अपनी बात सुनाने का यही एक तरीका नहीं है. एक और तरीका है.’

अपोजिशन की सफाई शुरू है, पैसे से या पावर से कार्रवाई शुरू है

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘अपोजिशन की सफाई भी चल रही है.एक शिवसेना नेता (ठाकरे गुट) मेरे साथ चलरहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें भी 50 करोड़ का ऑफर था. लेकिन वे ठाकरे गुट को छोड़ कर नहीं गए. ठीक है, करने दीजिए उन्हें.लेकिन हिंदुस्तान में साफ-सुथरे लोगों की कमी नहीं है. वे उनके द्वारा साफ नहीं किए जा पाएंगे. ऐसे लोग हमारे साथ आ जाएंगे.’

बेरोजगारों के पास काम नहीं है, किसानों की उपज को सही दाम नहीं है

एक पत्रकार ने पूछा भारत जोड़़ने की क्या जरूरत है अगर भारत टूटा ही नहीं है? इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘बीजेपी के नेता किसानों और युवाओं से बात नहीं कर रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ रही है. किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है. इसलिए हमने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है. यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाएगी. अगर लोगों को नहीं लगता कि इस यात्रा की जरूरत है, तो लाखों लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए घर से बाहर नहीं निकलते.’

देश में दो समस्याएं बड़ी साफ हैं, युवाओं और किसानों को राहत नहीं आज है

दो समस्याएं दिख रही हैं. युवा को यह भरोसा नहीं है कि उसे रोजगार मिल सकता है. चाहे वो किसी भी संस्थान में चले जाए. उसे भरोसा नहीं कि वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है तो उसे इसी की नौकरी मिलेगी या उसे मजदूरी करनी पड़ेगी. उसके मां-बाप ने उसकी महंगी शिक्षा के लिए खून-पसीने की कमाई का पैसा दिया है. और जब वो पढ़-लिख कर आता है तो उसे नौकरी नहीं मिल पाती है. दूसरी समस्या किसानों की है. वो बीमा भरता है, लेकिन जब आंधी-तूफान आता है तो उसे पैसा नहीं मिलता. सरकारी अस्पताल नहीं बचे, स्कूल नहीं बच रहे. लोगों को लगता है कि हम पैसे जो टैक्स के तौर पर दे रहे हैं, वो जा कहां रहा है. जनता से पूछो, उन्हें भी जवाब पता है. सब जानते हैं.

देश के संस्थान, न्यायपालिका पर दबाव है, पिछले आठ सालों से दहशत का प्रभाव है

एक पत्रकार ने पूछा महात्मा गांधी ने भी भारत यात्रा की थी, आप भी वही कर रहे हैं. इसके बीच क्या संयोग है? क्या आप उनकी नकल कर रहे हैं? इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘महात्मा गांधी से मेरी कोई तुलना नहीं है. उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. मैंने कोई प्लानिंग से यह यात्रा शुरु नहीं की है. पिछले आठ सालों से डर का माहौल है. हिंसा फैलाई जा रही है. आज एक राजनीतिक पार्टी और दूसरी राजनीतिक पार्टी के बीच लड़ाई नहीं है. एक तरफ हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशंस खड़े हैं. बीजेपी इंस्टीट्यूशंस पर प्रहार कर रही है. न्यायपालिका को दबाव में ला रही है. हमने पार्लियामेंट में अपनी बात रखने की कोशिश की और भी प्लेटफॉर्म में बात रखने की कोशिश की. चाहे वो नोटबंदी की बात हो, जीएसटी की बात हो, कहीं सुनवाई नहीं हुई. इसलिए यात्रा शुरू की.’


विडियों समाचार