Shortage of Vaccines: राज्यों में वैक्सीन की कमी पर बोले हर्षवर्धन, हर स्टेट को पहुंचाई जा रही डोज, वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाना राज्य का जिम्मा

- Shortage of Vaccines हर्षवर्धन का बयान ऐसे समय आया है जब कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। खासकर गैर भाजपा शासित राज्यों ने केंद्र पर अप्रत्यक्ष रूप से भेदभाव का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली । देश के कई राज्यों द्वारा वैक्सीन की कमी के आरोप के बाद केंद्र सरकार ने साफ किया है कि देश में कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि देश में टीकों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार हर राज्य को टीके देती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह राज्यों का काम है कि वे टीकाकरण केंद्रों पर समयबद्ध तरीके से इसकी आपूर्ति करें। हर्षवर्धन का बयान ऐसे समय आया है, जब कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। खासकर गैर भाजपा शासित राज्यों ने केंद्र पर अप्रत्यक्ष रूप से भेदभाव का आरोप लगाया है। इसके बाद केंद्र ने देश की जनता के समक्ष स्थिति को स्पष्ट किया है।
इन राज्यों ने लगाया वैक्सीन की कमी का आरोप
बता दें कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा ने वैक्सीन की आपूर्ति में कमी का आरोप लगाया है। ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को पत्र भी लिखा था। इस पत्र में कहा गया था कि वैक्सीन की कमी के कारण 700 टीकाकरण केंद्र को बंद करना पड़ा है। उन्होंने केंद्र से 10 दिनों के लिए वैक्सीन की 25 लाख खुराक भिजवाने का आग्रह भी किया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने वैक्सीन की कमी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ राज्य इस मामले को लेकर सियासत कर रहे हैं। वैक्सीन की कमी की बात करके लोगों में बेवजह अफवाह फैला रहे हैं।
सरकार ने सभी विदेशी वैक्सीन के लिए दरवाजे खोले
- उधर, सरकार ने कोरोना की सभी विदेशी वैक्सीन के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। विदेशी वैक्सीन को इस्तेमाल के पहले ब्रीज ट्रायल की शर्त से भी छूट दे दी गई है। अब अमेरिका की मॉडर्ना, फाइजर और जानसन एंड जानसन जैसी कंपनियां विदेश में विकसित वैक्सीन का भारत में निर्यात कर सकेंगी।
- इसके अलावा ये कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर वैक्सीन का उत्पादन भी कर सकेंगी। वैक्सीन परराष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष डॉ वीके पाल ने कहा है कि ब्रीज ट्रायल में छूट सिर्फ कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात को देखते हुए दी गई है। इसके बाद भी वैक्सीन के प्रभाव और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं होगी।
- डॉ. पॉल ने कहा कि नई छूट मिलने के बाद फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन समेत कोई भी कंपनी विदेशों में बनी अपनी वैक्सीन का भारत में निर्यात कर सकती है और टीकाकरण में तत्काल इसका इस्तेमाल भी शुरू हो जाएगा।
- इसके पूर्व भारत में अब तक सिर्फ दो वैक्सीन को मंजूरी दी थी। इसमें सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड एक्ट्रोजेनेका की कोविशील्ड प्रमुख है। इसके अलावा भारत बायोटिक की स्वदेशी कोवैक्सीन है। सीरम कंपनी महीने में करीब 65 करोड़ खुराकें ही बना सकती है। उसे कोवैक्स कार्यक्रम के तहत निम्न आयवर्ग वाले देशों को भी दो अरब खुराक पहुंचानी है।
- कोवैक्सीन भारत में मौजूद वैक्सीन का महज 10 फीसद है। केंद्र सरकार ने मार्च महीने में कोवैक्सीन की सिर्फ दो करोड़ खुराक का आर्डर दिया था। भारत सरकार ने जुलाई, 2021 तक वैक्सीन की 50 करोड़ खुराक देने का लक्ष्य रखा है।