चौंकाने वाला खुलासा, एआरटीओ ऑफिस में चल रहा था बड़ा खेल, बाबू शबनम को जारी किया नोटिस
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) कार्यालय में वाहनों के पंजीकरण में फर्जीवाड़ा सामने आया है। बाबू ने बिना एआरटीओ के आदेश के ही वाहनों के पंजीकरण करा दिए। इस तरह के सैकड़ों मामले होने की आशंका जताई जा रही है। खुलासा होने पर विभाग में हड़कंप मचा है। संबंधित लिपिक को नोटिस जारी किया गया है।
एआरटीओ कार्यालय में किसी भी तरह के वाहन का पंजीकरण कराने के लिए फाइल पर एआरटीओ के आदेश कराने होते हैं, लेकिन संबंधित लिपिक ने बिना आदेश कराए ही वाहनों का पंजीकरण करा दिया और रजिस्ट्रेशन नंबर भी जारी कर दिए गए।
करीब 350 से ज्यादा फाइलों में ऐसा किया गया। एआरटीओ को इसकी भनक भी नहीं लगी। एआरटीओ ने संबंधित लिपिक शबनम परवीन को नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद लिपिक छुट्टी पर चली गईं। जिन फाइलों में बिना आदेश के पंजीकरण हुआ है, उनकी जांच की जा रही है।
वहीं, एआरटीओ राजीव बंसल ने बताया कि बिना आदेश के करीब 20 वाहनों के पंजीकरण हुए हैं। इन सब फाइलों को चेक कर लिया है, सब एकदम ठीक हैं। लिपिक शबनम परवीन की लापरवाही है, उनका स्पष्टीकरण तलब किया है। वह बीमार होने के कारण छुट्टी पर हैं।
हो सकता है कमीशन बचाने का चक्कर
एआरटीओ कार्यालय में वाहनों के पंजीकरण के लिए अवैध वसूली भी होती है। यह पूरा खेल कमीशन एजेंटों के माध्यम से चलता है। चर्चा है कि कमीशन एजेंट और बाबू ने मिलकर ऊपर का हिस्सा बचाने के चक्कर में यह खेल किया है। उन्होंने कुछ फाइलों में तो एआरटीओ से आदेश करा लिए जबकि कुछ में बिना आदेश के ही पंजीकरण कर दिया।