लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) ने समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। यूपी में विधानसभा 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने वाली प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने तय किया है कि इस साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। यह फैसला पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में लिया।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पिछले कुछ महीने मेरे जीवन के सबसे कठिन समय थे। यह राजनीतिक धैर्य, त्याग, आत्म-संयम और समाज की उम्मीदों की परीक्षा थी। शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी की भावनाओं और जनभावना का सम्मान करते हुए हमने खुले दिल से समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, किंतु हमारे साथ विश्वासघात हुआ है।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस घात का ही परिणाम है कि आज समाजवादी पार्टी विपक्ष में बैठी है। हमारी पार्टी प्रगतिशील समाजवाद व समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी। राम के नाम पर विभाजन और नफरत की राजनीति की इजाजत किसी को नहीं है।

पिछले कई दिनों से अखिलेश और शिवपाल में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था, जिसे लेकर अलग-अलग तरह के कयास शिवपाल के अगले कदम को लेकर लगाए जा रहे थे। इससे पहले बुधवार को अखिलेश यादव की ओर से भी शिवपाल यादव को झटका दिया गया था।

दरअसल, रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें शिवपाल यादव का नाम नहीं था। जिसके बाद बुधवार शाम को शिवपाल यादव ने अपने पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग से पहले ही माना जा रहा था कि शिवपाल यादव कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

बुधवार को प्रसपा के कैंप कार्यालय में जिला-महानगर अध्यक्ष, मंडल प्रभारी, फ्रंटल संगठन के पदाधिकारी व प्रवक्ताओं की बैठक में तय किया गया कि प्रसपा अपने राजनीतिक सिद्धांत पर अडिग रहेगी। मुख्य प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा कि इस देश की संस्कृति में एकता के सूत्र बड़े गहरे हैं। करीब साढ़े चार घंटे चली बैठक का संचालन प्रदेश प्रमुख महासचिव अभिषेक सिंह ‘आशू’ ने किया।