त्रिगुणात्मक सत्ता के रूप में चराचर में व्याप्त हैं शिव: कालेंद्रानंद

- सहारनपुर जमालपुर में चल रही शिवमहापुराण कथा में शिव की महिमा का बखान करते स्वामी कालेंद्रानंद महाराज।
सहारनपुर [24CN]। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि शिव की त्रिगुणात्मक सत्ता रूप में चराचर में व्याप्त है। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज गांव जमालपुर में चल रही शिवमहापुराण कथा में शिव का गुणगान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिव और शक्ति का मिलन ही सृष्टि का संचालन एवं कल्याण है। शिव के बिना जगत में किसी भी आधार पर चेतना संभव नहीं है। शिव सत, रज, तम का ज्योतिर्मय पिंड है जिसके बिना सृजन एवं प्रलय की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि शिव निर्गुण एवं सगुण आधार में गुणात्मक सत्ता है जो सृष्टि के प्रत्येक जीव में वास करती है जिसके प्रभाव से समस्त चराचर गतिमान है। उन्होंने कहा कि शिवसत्ता का विराम ही सृष्टि में प्रलय है और शिव की जागृति ही सृष्टि में जीवंत भाव से सृष्टि का गतिमान होना है। उन्होंने कहा कि शिव केवल शक्ति को धारण करते हैं। इसी आधार पर जो जीव जप, तप के माध्यम से समाधि में समाहित होते हैं उन्हें शिव तत्व की प्राप्ति होती है और इसी आधार पर उनको मोक्ष प्राप्त होकर परमानंद की प्राप्ति होती है।
इस अवसर पर डा. संदीप सैनी, रामकुमार कश्यप, सीताराम कश्यप, सुभाष कश्यप, रमेश शर्मा, शिवम काम्बोज, सागर गुप्ता, शिवा कश्यप, कमला, पूनम, सविता, राखी, कोमल, बबीता, सुदेश, शैलेश, किरण आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।
