सांसदों के टूटने के डर से शिवसेना ने भावना गवली को चीफ व्हिप के पद से हटाया

सांसदों के टूटने के डर से शिवसेना ने भावना गवली को चीफ व्हिप के पद से हटाया
  • महाराष्ट्र की सत्ता हाथ से जाने के बाद भी शिवसेना (hiv sena) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. शिवसेना विधायक टूटने के बाद अब सांसदो के टूटने का भी खतरा मंडराने लगा है.

मुबई: महाराष्ट्र की सत्ता हाथ से जाने के बाद भी शिवसेना (hiv sena) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. शिवसेना विधायक टूटने के बाद अब सांसदो के टूटने का भी खतरा मंडराने लगा है. इसलिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakre) ने अपने पार्टी का लोकसभा में चीफ व्हिप हटाने का फैसला करते हुए भावना गवली की जगह राजन विचारे को व्हिप देने का अधिकार दे दिया. ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब एक सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बीजेपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन की मांग की है.

पार्टी का संगठन टूटने से बचाने की कवायद
इसके पहले संसद में शिवसेना की चीफ व्हिप रही भावना गवली ने भी पत्र लिखकर बागी विधायकों पर कार्रवाई नहीं करने की मांग उद्धव ठाकरे से कर चुकी है. दरअसल, उद्धव ठाकरे को डर है कि अगर शिवसेना के सांसदो में भी फूट पड़ गई और वहां भी दो तिहाई लोग शिवसेना का साथ छोड़ शिंदे ग्रुप में चले गए तो पार्टी और पार्टी के चुनाव चिंह दोनों से ही उद्धव ठाकरे ग्रुप को हांथ धोना पड़ सकता है. इसलिए उन्होंने आनन-फानन में लोकसभा से चीफ व्हिप हटाने का फरमान सुना दिया है, ताकि पार्टी का संगठन टूटने से बचाया जा सके .

शिवसेना ने बताया संगठन को मजबूत करने की कवायद
गौर तलब है कि शिवसेना के 19 सांसद हैं. इनमें से अगर 12 से 14 सांसदों ने शिंदे ग्रुप का दामन थाम लिया तो वहां पर उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना का सूपडा साफ हो जाएगा. हालांकि, अब तक शिवसेना की तरफ से कहा जा रहा है कि इसको हटाने के पीछे टूटने का डर नहीं, बल्कि संगठन को मजबूत करना है. लेकिन, पिछले 20 दिनों से जो हालात बने हैं, इससे ये साफ हो चुका है कि आने वाले समय में शिवसेना में और भी बगावत हो सकती है.