फिर साथ आ सकते हैं शिवसेना, बीजेपी, उद्धव करेंगे निर्णय: मनोहर जोशी

फिर साथ आ सकते हैं शिवसेना, बीजेपी, उद्धव करेंगे निर्णय: मनोहर जोशी
  • महाराष्ट्र के पूर्व सीएम मनोहर जोशी ने दिया दिलचस्प बयान
  • कहा, हमेशा के लिए अलग नहीं हुई हैं बीजेपी-शिवसेना
  • जोशी का दावा, दोनों दल साथ में काम करें तो बेहतर होगा
  • सीनियर नेता जोशी के बयान से फिर तेज अटकलों का दौर

मुंबई: महाराष्ट्र में एक महीने तक चले सियासी नाटक के बाद राज्य में सरकार बन सकी। भारतीय जनता पार्टी से मतभेद के बाद एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना ने सरकार बनाई लेकिन अब पार्टी के सीनियर नेता और राज्‍य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने राज्‍य में नए समीकरण बनने के संकेत दिए हैं। जोशी ने मंगलवार को कहा है कि उनकी पार्टी और बीजेपी निकट भविष्य में फिर साथ आ सकते हैं। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे इस मुद्दे पर उचित समय पर निर्णय लेंगे। उनका बयान इस लिहाज से अहम माना जा रहा है कि मंगलवार को ही नागरिकता संशोधन बिल (कैब) पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच गतिरोध की झलक मिली थी। हालांकि, बाद में शिवसेना ने यह कहते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए थे कि सबकुछ स्पष्ट होने तक वह कैब का समर्थन नहीं करेगी।

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम जोशी ने मंगलवार को कहा, ‘छोटे मुद्दों पर लड़ने की जगह बेहतर है कि कुछ बातों को बर्दाश्त किया जाए। जिन मुद्दों को आप दृढ़ता के साथ महसूस करते हैं, उसे साझा करना अच्छा है। अगर दोनों दल साथ में काम करते हैं तो यह दोनों के लिए बेहतर होगा।’ जोशी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि शिवसेना अब कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी। उद्धव ठाकरे सही समय पर सही निर्णय लेंगे।’

 

 

वरिष्ठ शिवसेना नेता का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब दोनों दलों के बीच हाल में मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति नहीं बन पाने के चलते अलगाव हो गया था। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। वहीं, नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भी दोनों दलों के बीच तल्खी पैदा हो गई है।

कांग्रेस के दबाव में शिवसेना: फडणवीस
दरअसल, पहले शिवसेना ने बिल के पक्ष में वोट दे दिया लेकिन बाद में पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि सभी बातें स्पष्ट होने तक वह कोई फैसला नहीं करेंगे। इस पर पूर्व सीएम और नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सवाल किया कि क्या शिवसेना कांग्रेस के दबाव में आ गई है। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शिवसेना समेत दूसरे दलों को इशारों में ही संकेत देने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि जो भी इस बिल का समर्थन कर रहा है, वह देश की बुनियाद पर हमला कर रहा है।