लखनऊ। प्रख्यात शायर मुनव्वर राना का इन दिनों विवादों से नाता लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शायर मुनव्वर राना ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से की थी। जिसके बाद लखनऊ में उनके खिलाफ एससीएसटी एक्ट में केस भी दर्ज किया गया है। इस केस में उनकी गिरफ्तारी भी तय है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भी इस प्रकरण में राना को राहत नहीं दी है। कोर्ट ने एफआइआर रद कराने के साथ ही गिरफ्तारी पर रोक लगाने से साफ इन्कार कर दिया है।

इन दिनों शायर मुनव्वर राना अपनी शायरी से अधिक अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में हैं। उनके विवादित बयान के कारण ही लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में देश के मशहूर शायर मुनव्वर राना के खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया है। राना इससे बचने के प्रयास में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच की शरण में गए थे, लेकिन कोर्ट ने मुनव्वर राना की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही एफआइआर भी रद करने से इन्कार कर दिया है। हाई कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह फैसला किया।

तालिबान के पक्ष के बयान के दौरान बीते दिनों शायर मुनव्वर राना ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर दी थी। जिसके बाद तो लोगों का गुस्सा उनपर फूटा था। इस प्रकरण में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया था। लखनऊ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा और सामाजिक सरोकार फाउंडेशन ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी थी। जिसके बाद मुनव्वर राना के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के अलावा 153-ए, 501 (1)-बी और 295-ए के तहत केस दर्ज किया गया है। इस प्रकरण में आम्बेडकर महासभा ने भी मांग की थी कि मुनव्वर राना के खिलाफ केस दर्ज हो।