शरद पवार के पास सिर्फ 41 विधायकों के हस्ताक्षर, 13 बागी विधायक जा सकते हैं अजित खेमें में
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों के दो धड़ों को समर्थन की गुत्थी पूरी तरह सुलझती नहीं दिख रही है। एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि शरद पवार के पास उनकी पार्टी के 41 विधायकों के समर्थन के हस्ताक्षर हैं। चुनाव में एनसीपी से विजयी 54 में से बांकी बचे 13 विधायकों के बारे में अदालत को कोई जानकारी नहीं दी गई है।
जबकि शनिवार शाम को मुंबई में हुए एनसीपी की बैठक के बाद शरद पवार ने अजित पवार और एक-दो को छोड़ सभी विधायकों के लौट आने का दावा किया था। उधर अजित पवार और भाजपा भी एनसीपी के इतने ही विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं।
इन दावों से इतर एनसीपी के 13 विधायकों पर साफगोई नहीं होना एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा के 105 और निर्दलीय व छोटे दलों के 29 विधायकों के साथ एनसीपी के यह 13 बागी मिल जाते हैं तो गिनती 147 पर पहुंच जाती है।
जबकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए। यानि अजित पवार सिर्फ 13 विधायकों के साथ भी भाजपा के साथ सरकार बनाने के खेल में जमें रह सकते हैं। उधर शरद पवार का समीकरण 41 विधायकों के समर्थन के बावजूद बिगड़ सकता है।