महाराष्ट्र सरकार पर शरद पवार ने नहीं खोले पत्ते, कहा- बीजेपी और शिवसेना से पूछिए

महाराष्ट्र सरकार पर शरद पवार ने नहीं खोले पत्ते, कहा- बीजेपी और शिवसेना से पूछिए
  • महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर एनसीपी चीफ शरद पवार ने अभी नहीं खोले पत्ते
  • आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मिलेंगे पवार, होने वाली मुलाकात को बताया ‘शिष्टाचार भेंट’
  • सरकार गठन को लेकर पवार के बयान से गहराया सस्पेंस, एनसीपी चीफ बोले- बीजेपी-शिवसेना से पूछो
  • बता दें सोनिया शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर हिचकिचा रही हैं

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सबकी नजरें शरद पवार और सोनिया गांधी की आज होने वाली मुलाकात पर है। इसके लिए एनसीपी सुप्रीमो दिल्ली आ भी चुके हैं। दिल्ली आने पर जब पवार से पत्रकारों ने सरकार गठन को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले। इतना ही नहीं, उन्होंने यह कहकर सस्पेंस और बढ़ा दिया कि सरकार गठन के बारे में उनसे नहीं, शिवसेना और बीजेपी से पूछा जाना चाहिए।

सोनिया से होने वाली मुलाकात को बताया शिष्टाचार भेंट

पवार ने इस बात की पुष्टि की कि आज वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने मुलाकात का समय नहीं बताया। सरकार गठन से जुड़े सवालों को वह न सिर्फ टालते रहे, बल्कि सोनिया गांधी से अपनी होने वाली मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया। जाहिर है कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ चर्चा से पहले एनसीपी सुप्रीमो पत्ता नहीं खोलना चाहते।

‘सरकार कैसे बनेगी यह बीजेपी-शिवसेना से पूछो’
पवार से जब यह पूछा गया कि शिवसेना के साथ सरकार बनने के क्या चांस हैं तो उन्होंने कहा, ‘बीजेपी और शिवसेना से पूछो, दोनों साथ थे।’ एनसीपी चीफ ने कहा कि शिवसेना और बीजेपी एक साथ लड़ी थीं। हम उनसे अलग लड़े थे। एनसीपी और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ी थीं। जब उनसे यह पूछा गया कि चर्चा तो यह है कि एनसीपी शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बना रही है तो उन्होंने इसके जवाब में सिर्फ ‘अच्छा’ कहकर टाल दिया।

CM पोस्ट को लेकर जुदा हुईं शिवसेना-बीजेपी की राहें
बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था लेकिन सीएम पद को लेकर विवाद से दोनों की राहें जुदा हो गईं। बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी। अब शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व तो शिवसेना को समर्थन के पक्ष में है लेकिन उसकी कट्टर हिंदुत्व की छवि की वजह से कांग्रेस आलाकमान अभी भी समर्थन को लेकर दुविधा में है। माना जा रहा है कि शरद पवार सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें शिवसेना को समर्थन देने के लिए राजी करेंगे।

 


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