आपसी सुलह-समझौते के आधार पर कराया वादों का निस्तारण
- सहारनपुर में आयोजित लोक अदालत में मौजूद न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता।
सहारनपुर [24CN]। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय की अदालत के 92 वादों का निस्तारण कर 16 वादों में पक्षकार बतौर पति-पत्नी में एक साथ रहने के लिए समझौता कराया गया तथा भरण-पोषण के 58 मुकदमों का भी निस्तारण कराया गया।
दीवानी न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश नरेंद्र कुमार व अधिवक्ताओं के प्रयास से 16 वादों का निस्तारण आपसी सुलह-समझौते के आधार पर कराकर दम्पत्तियों को एक साथ रहने के लिए राजी किया गया। इसके अलावा धारा-125, 125(3) में 58 वादों का समझौते के आधार पर निस्तारण करते हुए वादियाओं को भरण-पोषण के रूप में 13 लाख रूपए दिलाए गए। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय में कुल 92 वादों का निस्तारण किया गया।
प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय ने कहा कि आज राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से सुलह-समझौते के आधार पर वादों का निस्तारण किया गया है जिसमें 16 दम्पत्तियों ने एक साथ रहकर जीवन गुजारने के लिए मन बना लिया है जो बहुत ही खुशी की बात है। अधिवक्ता मंजर हुसैन काजमी, अधिवक्ता अशरफ खान व अधिवक्ता जमाल साबरी ने फैजान अहमद बनाम शगुफ्ता परवीन के हक जोजियत के वाद में समझौता कराया। एक अन्य वाद में अधिवक्ता अम्बेश कपिल ने भी समझौता कराया।
इस दौरान न्यायालय के पेशकार राकेश कुमार, अमीन सिंह, शिवलाल का विशेष सहयोग रहा। इसके अलावा अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्रीमती मनोरमा सिंह के न्यायालय से 31 वादों का निस्तारण किया गया। इस दौरान दो दम्पत्ति सुलह-समझौते के आधार पर एक साथ रहने को रजामंद हुए तथा तीन संरक्षता वादों का निस्तारण किया गया। इन वादों में एक वाद 2015 से लम्बित चला आ रहा था जिसे न्यायालय के प्रयास से निपटाया गया। 18 वाद भरण-पोषण में वादियाओं को 2 लाख 9 हजार रूपए भरण-पोषण के लिए दिलाए गए। इस दौरार हैदर अब्बास जैदी, रविंद्र के अलावा न्यायालय के कर्मचारी मौजूद रहे।