शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन

गंगोह [24CN] : दिनांक 18-11-2022 को शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुंवर शेखर विजेंद्र मेडिकल कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस द्वारा आयोजित प्राकृतिक चिकित्सा दिवस को शोभित विश्वविद्यालय के प्रांगण में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। नैचुरोपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जिसमें दवाओं का उपयोग किए बिना रोगों को ठीक किया जाता है। नैचुरोपैथी में कई रोगों को रोकने की क्षमता है, और जो रोग हो चुके हैं उनका इलाज आप कर सकते हैं।

आज के कार्यक्रमों की शरुआत शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, यूटीडीसी डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) श्रीकांत गुप्ता एवं डॉ. कपिल मोहन के द्वारा मां सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर की गई। छात्र एवं छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं कुलगीत गाया गया।

कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों को शुभकामनाएं दी और अपने अपने उध्बोधन में कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा मनुष्य अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकता है, इससे व्यक्ति के जीवन के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक भागों के रचनात्मक सिद्धांतों के साथ-साथ व्यक्ति के सद्भाव का भी निर्माण होता है। मानव शरीर पांच तत्वों से निर्मित है, शरीर में इन तत्वों का असंतुलन ही रोग पैदा करता है जिसको प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा सरलता से दूर किया जा सकता है।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक क्षेत्र में शहर एवं गांव में प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ घर घर तक पहुंच सके। आज प्राकृतिक चिकित्सा का प्रशिक्षण लेकर युवा अपने स्वास्थ्य और समाज दोनों का कल्याण कर रहे है। तत्पश्चात यूटीडीसी डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) श्रीकांत गुप्ता ने भी सभा में उपस्थित गणमान्यों, छात्र एवं छात्राओं को प्राकृतिक चिकित्सा के उपकरणों को लागू करने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर बी.एन.वाई.एस छात्र राजन एवं तीर्थंकर रॉय, द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूपंक्चर, मधुमेह प्रबंधन, कैंसर में पोषण पर पीपीटी प्रस्तुत की गई।

कार्यक्रम के अंत में कुंवर शेखर विजेंद्र मेडिकल कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस के प्रधानाचार्य डॉ. कपिल मोहन ने मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह का धन्यवाद प्रेषित किया। आगे उन्होंने बताया कि भारत में प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने में महात्मा गांधी की क्या भूमिका रही।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा गीत एवं राष्ट्रगान प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर कुंवर शेखर विजेंद्र मेडिकल कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस के सभी शिक्षकगणों का पूर्ण सहयोग रहा।