कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जारी किए नए दिशानिर्देश, आप भी जानें

नई दिल्ली । दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया में बदलाव किया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी इस एसओपी में भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए निर्देश हैं। मंत्रालय ने कहा है कि नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) 22 फरवरी को रात 11 बजकर 59 मिनट से प्रभावी होगी।
अपडेट एसओपी दो भागों ए और बी में बंटी हुई है। पार्ट ए में जारी दिशानिर्देश ब्रिटेन, यूरोप और मध्य पूर्व से आने वाली उड़ानों को छोड़कर भारत में आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए है जबकि पार्ट बी में इन स्थानों से आने जाने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए है। भाग A में जारी दिशानिर्देश चार खंडों में बंटा हुआ है। इसमें भारत की यात्रा की योजना बनाते वक्त नियमों का अनुपालन, विमान पर सवार होने से पहले निर्देशों का पालन और यात्रा के दौरान और आगमन के बाद नियमों का अनुपालन करना होगा।
भाग A में जारी दिशानिर्देश के अनुसार यात्री को यात्रा से पहले एक सेल्फ डिक्लेरेशन यानी स्व घोषणा पत्र जमा करना होगा। साथ ही आरटी-पीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट जमा करनी होगी। यात्रियों को घोषित करना होगा कि वे आगमन के बाद उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानकों के मुताबिक 14 दिनों के लिए होम क्वारंटीन का पालन करेंगे। जारी दिशा निर्देशों में उन लोगों को राहत दी गई है जो अपने परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की स्थिति पर भारत आ रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए किसी भी नकारात्मक आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी।
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक विदेश से आने वाले सभी यात्रियों को यात्रा से पहले ऑनलाइन एयर सुविधा पोर्टल पर अपना सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा कराना होगा। यही नहीं निगेटिव कोविड-19 आरटी-पीसीआर रिपोर्ट भी अपलोड करनी होगी जो यात्रा से 72 घंटे के भीतर की होनी चाहिए। यात्रियों को पोर्टल या संबंधित एयरलाइंस के जरिए हलफनामा देना होगा कि वे प्रशासन द्वारा निर्धारित होम क्वारंटीन एवं फैसलों का अनुपालन करेंगे। बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद DGCA ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक को 28 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया था लेकिन एयर बबल समझौते के तहत कई देशों से उड़ानों का हो रहा है।