लाल किला पर हिरासत में लिए कई प्रदर्शनकारी, दिल्ली के कई इलाकों में धारा 144 लागू

लाल किला पर हिरासत में लिए कई प्रदर्शनकारी, दिल्ली के कई इलाकों में धारा 144 लागू

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) के विरोध में बृहस्पतिवार सुबह लाल किला के पास से प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है। लाल किला के पास सुबह से धारा 144 लागू है। ऐसे में नियम तोड़ने पर कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। बता दें कि दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन के  मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

  • वहीं, बृहस्पतिवार को भी कई जगहों पर रूट डायवर्जन किया गया है।  यह धरना कालिंदी कुंज से फरीदाबाद, आश्रम, कालकाजी और सरिता विहार जाने वाले रोड पर चल रहा है। ऐसे में पूर्व की तरह यहां पर बृहस्पतिवार को भी रूट डायवर्जन किया गया है। वहीं, दिल्ली के 7 मेट्रो स्टेशन भी बंद हैं।
  • नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शाहीन बाग इलाके में चल रहे विरोध प्रदर्शन में मंगलवार को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद भी पहुंचे थे। उमर खालिद ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए के जरिये देश को बांटने की कोशिश की जा रही है। हमें इसका विरोध करना चाहिए। उन्होंने लोगों को शपथ दिलाई कि आप लोग सरकार के मांगने पर भी अपनी नागरिकता के दस्तावेज नहीं दिखाएं, क्योंकि आप सभी लोग भारतीय हैं।
  • 19 दिसंबर को लाल किले से सीएए और एनआरसी के खिलाफ मार्च निकालकर केंद्र सरकार को अपनी ताकत दिखाकर अपने अधिकारों की मांग करनी है। खालिद ने कहा कि 19 दिसंबर के दिन ही अंग्रेजों ने अशफाक उल्ला खान और रामप्रसाद बिस्मिल को फांसी दी थी। खालिद ने हमें चाहिए आजादी जैसे नारे भी लगवाए। गौरतलब है कि उमर खालिद पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लगा था। यह बात अलग है कि उमर खालिद इस प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकेंगे, क्योंकि इस प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिली है।
  • कम्यूनिस्ट पार्टी के मंडी हाउस से लेकर जंतर मंतर तक प्रदर्शन की दिल्ली पुलिस ने नहीं दी है। वहीं, लाल किले से शाहीन बाग तक प्रदर्शन की भी इजाजत नहीं मिली है।
  • दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation)  ने संभावित बवाल के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के कहने पर चार मेट्रो स्टेशन जामिया मिल्लिया इस्लामिलाय, जसोला, शाहीन बाग और मनीरका मेट्रो स्टेशन समेत कुल 7 स्टेशनों पर आवाजाही बंद कर दी है। यहां पर ट्रेनें नहीं रुक रही हैं।
  • दिल्ली ट्रैफिक  पुलिस ने बृहस्पतिवार को भी मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच 13 A रोड को बंद किया गया है। पुलिस ने वाहन चालकों को अक्षरधाम और डीएनडी के जरिये दिल्ली पहुंचने की सलाह दी है।

स्पेशल ब्रांच ने सभी 15 जिले की डीसीपी से कहा है कि जो भी संवेदनशील इलाके हैं। वहां अधिक से आधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए। गश्त बढ़ाकर पैनी नजर रखी जाए। अमन कमेटियों से बात करने के साथ ही घोषित अपराधियों पर नजर रखी जाए। अगर किसी थानाध्यक्ष को लगता है कि उनके इलाके में कोई उपद्रव हो सकता है, तो वे डीसीपी को सूचित कर खुद भी धारा 144 लगा सकते हैं।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बुधवार को लगातार छठे दिन सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहा। न्यू फ्रैंडस कॉलोनी (एनएफसी) में प्रदर्शनकारियों को जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भी संबोधित किया। इधर शाहीन बाग में भी प्रदर्शनकारी डटे रहे। यहां प्रदर्शनकारियों को भीम आर्मी ने समर्थन दिया। दोनों ही जगह चल रहे प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ बच्चे भी पहुंच रहे हैं।

जामिया के गेट नंबर संख्या-7 पर बुधवार को सुबह से ही प्रदर्शनकारी जुटने शुरू हो गए थे। लोगों ने दिन भर सरकार और सीएए के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। अपनी कविता से मशहूर हुए दिल्ली आइआइटी के नवीन चौरे ने भी लोगों को संबोधित किया। देर शाम जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी पहुंचे और लोगों को संबोधित किया। कन्हैया ने लोगों से कहा कि फासीवादी सरकार को हम मिलकर गिरा देंगे। इधर जामिया नगर के शाहीन बाग जामिया और जेएनयू के छात्रों की अगुआई में प्रदर्शन जारी रहा। वहीं, भीम आर्मी के दिल्ली प्रभारी सुरजीत सम्राट और प्रवक्ता राहुल नागर भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने धरनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान दोनों ने बीजेपी और आरएएस पर जमकर निशाना साधा।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर परिसंघ की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता उदित राज ने शामिल होकर केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 को निषेध करता है। इस कानून को पास कर संविधान पर हमला किया गया है। उन्होंने सरकार द्वारा कानून को वापस लेने की मांग करते हुए इसे जनविरोधी कानून करार दिया। साथ ही कहा कि इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को पुलिसिया दमन का सामना करना पड़ रहा है।

जामिया हमदर्द में भी शुरू हुआ प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन का सिलसिला थम नहीं रहा है। जामिया मिल्लिया के बाद अब जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय में प्रदर्शन शुरू हो गया है। बुधवार को एमबी रोड पर स्थित परिसर में करीब 900 छात्र एकत्र हुए और सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया। यहां के छात्र मोहम्मद आकिब ने बताया कि उन्हें नए नागरिकता कानून पर आपत्ति है। प्रदर्शन में विवि के टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष भी शामिल हुए। प्रदर्शन का आयोजन विवि की छात्र नीलोफर के नेतृत्व में किया गया।

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