एनसीआर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में एससीआर का होगा गठन, राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना, इन जिलों की जमीनों का होगा अधिग्रहण

एनसीआर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में एससीआर का होगा गठन, राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना, इन जिलों की जमीनों का होगा अधिग्रहण

लखनऊ: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीआर) की तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के इलाकों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का गठन किया जाएगा। इसे उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। लखनऊ और आसपास के 6 जिलों के कुल 27826 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

सीएम होंगे एससीआर प्राधिकरण के अध्यक्ष

एससीआर(SCR) प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे जबकि मुख्य सचिव उपाध्यक्ष होंगे। वहीं विभागीय अपर मुख्य सचिव, विभागीय सचिव, कई महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव और सचिव पदेन सदस्य होंगे।  सभी 6 जिलों के डीएम और विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे। इसके साथ ही मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक भी पदेन सदस्य होंगे। भारत सरकार द्वारा नामित और रक्षा मंत्रालय द्वारा नामित अधिकारी भी इस प्राधिकरण के सदस्य होंगे। एससीआर प्राधिकरण के सचिव मंडलायुक्त लखनऊ होंगे।

 

  

हरित आवरण बढ़ाने के लिए दो योजनाएं शुरू

राज्य सरकार ने सूबे में हरियाली बढ़ाने, भूजल स्तर में सुधार लाने और विरासत के प्रति गौरव की भावना पैदा करने के प्रयास में उपवन और हेरिटेज वन योजना शुरू की है। उपवन योजना के तहत राज्य सरकार शहरों से लेकर गांवों तक पार्क, सड़कों के किनारे और अन्य स्थानों पर रोपण के लिए पौधे उपलब्ध करा रही है। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार इस योजना का उद्देश्य हरियाली बढ़ाना है, जिससे अंततः भूजल स्तर में सुधार, बेहतर पर्यावरण और जलवायु प्रभाव में कमी जैसे लाभ होंगे। राज्य सरकार ने उपवन योजना के लिए 70 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट आवंटित किया है। राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयास में सरकार ने ‘हेरिटेज ट्री अडॉप्शन स्कीम’ के माध्यम से 948 विरासत वृक्षों का पोषण करेगी। सौ साल से अधिक पुराने पेड़ों की 28 प्रजातियों को “विरासत वृक्ष” के रूप में नामित किया गया है। ये वृक्ष प्रदेश के सभी 12 जिलों में हैं।

वाराणसी में सर्वाधिक 99, प्रयागराज में 53, हरदोई में 37, गाजीपुर में 35 तथा उन्नाव में 34 विरासत वृक्ष हैं। सरकार विलुप्तप्राय वृक्ष प्रजातियों तथा पौराणिक, ऐतिहासिक घटनाओं, विशिष्ट व्यक्तियों, स्मारकों, धार्मिक परम्पराओं एवं मान्यताओं से जुड़े वृक्षों का संरक्षण कर आम जनता में जागरूकता बढ़ा रही है। विरासत वृक्ष श्रेणी में आध्यात्मिक एवं स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष शामिल हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के गृह नगर गोरखपुर में 19 वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है। “पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024” के तहत उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में विरासत वृक्ष वाटिका नाम से स्थापित की जाएगी, ताकि राज्य के निवासियों के बीच चिन्हित विरासत वृक्षों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। ये उद्यान गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट और मिर्जापुर में बनाए जाएंगे। प्रत्येक उद्यान में एक विरासत वृक्ष से विकसित एक पौधा, टहनी या शाखा अनिवार्य रूप से लगाई जाएगी। शेष पौधे स्थानीय महत्व की प्रजातियां होंगी। इस पहल के लिए करीब आठ हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी।

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