शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में स्कूल ऑफ एजुकेशन विभाग द्वारा साप्ताहिक शिक्षक विकास कार्यशाला का समापन सत्र आयोजित

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में स्कूल ऑफ एजुकेशन विभाग द्वारा साप्ताहिक शिक्षक विकास कार्यशाला का समापन सत्र आयोजित

गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में स्कूल ऑफ एजुकेशन विभाग द्वारा चलाई जा रही  साप्ताहिक शिक्षक विकास कार्यशाला का दिनाँक 09-09-2025 दिन मंगलवार में समापन सत्र का आयोजन किया गया। इस शिक्षक विकास पर आधारित कार्यशाला को दिनाँक 18 अगस्त से प्रत्येक सप्ताह चार सत्र में आयोजित किया जाना सुनिश्चित किया गया था, जिसका अंतिम सत्र 10 सितम्बर 2025 में आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में गंगोह व इसके आस-पास के क्षेत्र से कुल 20 स्कूलों से 100 से अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाएं शामिल रही। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों का संप्रेषण, समस्या-समाधान, रचनात्मकता, सहयोग एवं आलोचनात्मक चिंतन का विकास करने की समझ को परिपक्व बनाना रहा।

कार्यशाला में डीन एंड हेड प्रो.(डॉ.) प्रशांत कुमार ने चार सत्र में  शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास को प्रोत्साहित करने हेतू  विभिन्न विषयों पर ज्ञानवर्धन किया, जिसमे प्रथम सत्र से अंतिम सत्र तक एनईपी 2020 और कौशल आधारित शिक्षा को समझना, विषय-वस्तु से योग्यता की ओर शैक्षणिक बदलाव, कक्षा में आईसीटी और डिजिटल एकीकरण व सीखने के लिए मूल्यांकन जैसे विषयों की जानकारी साझा की, जिसमे प्रो.(डॉ.) प्रशांत कुमार ने बताया कि एनईपी 2020 के अंतर्गत शिक्षा को विषय-वस्तु केंद्रित से हटाकर योग्यता आधारित बनाया गया है, जिसमें कौशल विकास, आईसीटी और डिजिटल तकनीकों का एकीकरण, और मूल्यांकन को सीखने के समर्थन हेतु पुनःपरिभाषित किया गया है। यह बदलाव शिक्षार्थी केंद्रित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है, जो व्यावहारिक ज्ञान, नवाचार और समग्र विकास पर बल देता है। कार्यशाला के तृतीय सत्र में डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर कुलदीप चौहान व नितिन चौधरी का योगदान रहा, जिसका विषय आईसीटी और डिजिटल तकनीकों का एकीकरण था।

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कार्यशाला की सफलता पर आयोजकों एवं उपस्थित विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों को अनेक शुभकामनाएं दी। कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के आलोक में यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए ज्ञानवर्धक में सिद्ध रहेगी तथा कार्यशाला से शिक्षण में गुणात्मक सुधार और नवाचार को नई दिशा मिलेगी। कार्यशाला के अंत में कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने सभी शिक्षक प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र भी प्रदान किया।

इस अवसर पर डॉ. विनोद कुमार यादव, राम जानकी, बलराम टाँक, आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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