शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंटल साइंसेज विभाग में छात्र एवं छात्राओं के लिए फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में दिनांक 22.10.2022 को स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंटल साइंसेज विभाग में कृषि विज्ञान केंद्र, सहारनपुर द्वारा “फसल अवशेष प्रबंधन” (इन सीटू) परियोजना के अंतर्गत छात्र एवं छात्राओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र, सहारनपुर सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर एवं मुख्य अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में यूटीडीसी डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) श्रीकांत गुप्ता ने शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर एवं सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत कर की तथा कार्यक्रम के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आई. के. कुशवाहा, डॉ. विरेन्द्र कुमार, डॉ. सुखदेव सिंह एवं डॉ. मनोज सिंह रहे। इस जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. आई. के. कुशवाहा ने सभी छात्र एवं छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि फसल अवशेष भारत में पशुधन के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसानों के स्तर पर समय की कमी और लागत के बोझ के कारण खेतों में काफी मात्रा में फसल अवशेषों को जला दिया जाता है। कटाई की उपयुक्त मशीनों के उपयोग से अधिक मात्रा में फसल अवशेषों की प्राप्ति सुनिश्चित हो सकती है और फसल अवशेषों की बर्बादी को कम किया जा सकता है। तत्पश्चात डॉ. विरेन्द्र कुमार, डॉ. सुखदेव सिंह एवं डॉ. मनोज सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये, जिसमे उन्होंने कंपोस्ट एवं नाइट्रोजन फ्रिक्शन के संदर्भ में छात्रों को अवगत कराया। इस अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम में कृषि अवशेष प्रबंधन पर क्विज कंपटीशन पोस्टर प्रिपरेशन और निबंध प्रतियोगिता में अनेक छात्र एवं छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर ने अपने वक्तव्य में किसानो को अन्नदाता बताते हुए सभी का मार्गदर्शन किया।
इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों को अनेक शुभकामनाएं दी तथा सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी वितरित किए। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि अवशेष एक महत्त्पूर्ण प्राकृतिक संसाधन है न कि अपशिष्ट पदार्थ हम सब को मिलकर इस सम्बन्ध में महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चरल एंड एनवायरमेंटल साइंसेज की विभागाध्यक्ष डॉ. शिवानी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रकट किया।
इस अवसर पर डॉ. विकास पँवार, डॉ. मौ० वसीम, अमित कुमार, इंजमाम उल हक, दीपक कुमार, आदेश कुमार, आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।