‘अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो…’, SC ने हरियाणा और पंजाब सरकार को लगाई फटकार

‘अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो…’, SC ने हरियाणा और पंजाब सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्ली। वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सख्ती बरत रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को अपने पिछले आदेश का पालन नहीं करने पर फटकार लगाई है। इसके साथ ही चेतावनी दी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो वह हरियाणा के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना ​​का मामला दर्ज करेगी।

मुकदमा चलाने से क्यों कतरा रही सरकार?

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार पराली जलाने के लिए लोगों पर मुकदमा चलाने से क्यों कतरा रही है और लोगों पर मामूली जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ क्यों रही है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि इसरो आपको वह स्थान बता रहा है, जहां आग लगी थी और आप कहते हैं कि आपको कुछ नहीं मिला।

यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है-SC

पीठ ने कहा, यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है। यदि मुख्य सचिव किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं, तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे। कुछ भी नहीं किया गया है, यही स्थिति पंजाब के मामले में भी है। रवैया पूरी तरह से अवज्ञाकारी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा द्वारा दायर हलफनामा गैर-अनुपालन से भरा है। इसने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को राज्य के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

23 अक्टूबर को पेश हो मुख्य सचिव

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को अगले बुधवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और यह बताने का आदेश दिया कि उल्लंघनकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को अगले बुधवार को अदालत में उपस्थित रहने और आदेश का पालन न करने के बारे में स्पष्टीकरण देने तथा अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया।

तीन जजों की पीठ ने लिया फैसला

न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्ला और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर हरियाणा और पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

किसानों के लिए नहीं मांगा केंद्र सरकार से धन- SC

पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में एक भी अभियोजन नहीं चलाया गया है। यहां तक कि पंजाब सरकार ने किसानों के लिए ट्रैक्टर सुनिश्चित करने के लिए केंद्र से धन मांगने की कोई कोशिश नहीं की।


विडियों समाचार