नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग करने वाली भारतीय मुस्लिम शिया इस्ना आशारी जमात की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की कि त्यागी की पुस्तक ‘मुहम्मद’ पर प्रतिबंध लगाया जाए। याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
Supreme Court refused to entertain a plea by Indian Muslim Shia Isna Ashari Jamaat seeking the arrest of Jitendra Tyagi aka Wasim Rizvi & Yati Narsinghanand. The petitioner also sought that the book by Tyagi – “Muhammad” be banned. The petitioner withdrew the plea.
‘दुनिया के हर व्यक्ति को पढ़नी चाहिए मेरी किताब’
बता दें कि इससे पहले यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान रिजवी ने कई बातें कहीं। अपनी किताब पर उन्होंने कहा कि इसे मुसलमानों समेत दुनिया के हर व्यक्ति को पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई इसे पढ़ेगा तो वह धर्मांतरण करके इस्लाम नहीं अपनाएगा।
350 रेफरेंस देकर लिखी है किताब: रिजवी
उनका दावा है कि किताब में लिखी बातों के लिए उन्होंने 350 रेफरेंस दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस किताब को पढ़ना बहुत जरूरी है। मैंने वो हिडन फैक्ट्स ढूंढ-ढूंढ के निकाले हैं जो जल्दी मुहैया नहीं हो सकते और सबूत के साथ निकाले हैं, 350 रेफरेंस हैं उसमें किताबों के।