पानी बचाने का मतलब है जीवन बचाना: नगरायुक्त
- पानी संस्थान द्वारा नगर निगम के सहयोग से ‘जल संरक्षण और संचयनÓ विषय पर वाटर यूजर को दिया गया प्रशिक्षण
सहारनपुर [24CN]। नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा है कि जल है तो कल है। जल के बिना धरती पर कुछ भी संभव नहीं है। वृक्षों और अन्य जीवों के लिए भी पानी का उतना ही महत्व है जितना व्यक्ति के लिए है। भोजन के बिना हम सात दिन रह सकते है लेकिन पानी के बिना तीन दिन से ज्यादा नहीं रहा जा सकता। इसलिए जब हम पानी बचाने और उसके संरक्षण की बात करते हैं तो समझिए कि हम जीवन बचाने औ जीवन संरक्षण की बात कर रहे है।
नगरायुक्त ने यह बात कृषि विज्ञान केंद्र में पानी संस्थान आईटीसी सुनहरा कल द्वारा नगर निगम के सहयोग से ‘जल संरक्षण और संचयनÓ विषय पर वाटर यूजर मेम्बर को प्रशिक्षण के दौरान बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने तालाबों, पोखरो और नदियों सहित सभी जल स्त्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखने की अपील की। इससे पूर्व नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह, केवीके प्रभारी डॉ.आई के कुशवाह व डॉ.वीरेन्द्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में शहरी एवं ग्रामीण वाटर यूजर ग्रुप को जल बचत तथा जल संरक्षण के सम्बंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में ग्राम मढ़, सड़क दूधली, चकहरेटी, मानकमऊ, रामनगर, ककराला, थरौली व ईगरी आदि गांवों केे वाटर यूजर शामिल रहे। नगरायुक्त ने मौजूद सभी लोगों को जल बचाने का संकल्प भी कराया।
केवीके प्रभारी डॉ. आई के कुशवाहा ने कहा कि जल, जीवन की प्राथमिकता है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जल के अत्यधिक दोहन से जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है और यदि जल के अत्यधिक दोहन को नहीं रोका गया तो आने वाला समय भयावह होगा। पानी संस्थान के डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने जल संरक्षण एवं जल उपयोग के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। पानी संस्थान के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर शिवम मिश्रा ने एलएमपीएफ प्रोजेक्ट आईटीसी सुनहरा कल के समय में तालाबों की खुदाई और उन्हें संरक्षित रखने की जानकारी दी। कार्यक्रम में पानी संस्थान के कमल कश्यप, आदिल रशीद, अभिषेक सहगल, धनेश गर्ग, कवि शेखर, कर्मवीर, उमाकांत आदि शामिल रहे।