सत्येंद्र जैन की बढ़ी मुश्किलें! राष्ट्रपति ने दी केस चलाने की इजाजत, जानें पूरा मामला
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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलेगी। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इसकी अनुमति दे दी है। दरअसल, गृह मंत्रालय द्वारा 14 फरवरी को किए गए अनुरोध के बाद 18 फरवरी को इसकी अनुमति दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा था कि ईडी द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर, जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री थी। परिणामस्वरूप, मंत्रालय ने कानूनी कार्रवाई के लिए आगे बढ़ने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब मामले की सुनवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 2018 के तहत की जाएगी।
कोर्ट से मिली थी जमानत
बता दें कि सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 30 मई 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर 2015-2016 में शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये की लॉन्ड्रिंग का आरोप था। उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया, जहां वह लंबे समय तक हिरासत में रहे। हालांकि 18 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली की एक अदालत ने मुकदमे में देरी और लंबे समय तक कारावास को प्रमुख कारण बताते हुए उन्हें जमानत दे दी। जैन की जमानत पर सुनवाई के दौरान, ईडी ने उनकी रिहाई का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अगर उन्हें आजाद रहने दिया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, आप नेताओं ने अदालत के जमानत फैसले की सराहना करते हुए इसे सच्चाई की जीत और भाजपा की साजिश की हार बताया।
AAP की प्रतिष्ठा पर असर
वहीं इससे पहले 26 मई 2023 को सत्येंद्र जैन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी। राष्ट्रपति से अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद अब सत्येन्द्र जैन के खिलाफ अदालत में मामला चलेगा। यदि उन्हें दोषी पाया गया, तो उन्हें गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, जिससे उनके राजनीतिक करियर और प्रमुख चुनावों से पहले AAP की प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा। यह मामला दिल्ली में आप और भाजपा के बीच चल रही खींचतान में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है, जिसमें दोनों पार्टियां भ्रष्टाचार और राजनीतिक प्रतिशोध को लेकर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं।