सत्येंद्र जैन को कोर्ट से झटका, मनी लांड्रिंग केस में नहीं मिली जमानत
ED ने इस साल 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था और 12 जून से वो न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
New Delhi : दिल्ली की आम आदमी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. गुरुवार को दोपहर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने अपना फैसला सुनाते हुए सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी. ED ने इस साल 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हे गिरफ्तार किया था और 12 जून से वो न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. मामले में पिछली सुनवाई 10 नवंबर को हुई थी और तब कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था
राउज एवेन्यू कोर्ट के जज विकास ढुल ने सत्येंद्र जैन के साथ ही वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है. वहीं दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी व्यापारी शरद चंद्र रेड्डी और बेनॉय बाबू को ED ने रिमांड खत्म होने के बाद आज कोर्ट में पेश किया. दोनों आरोपियों को दिल्ली की राउज एवेन्यू के स्पेशल जज एमके नागपाल की कोर्ट में पेश किया गया है.
सत्येंद्र जैन के खिलाफ नहीं कोई पुख्ता सबूत
सत्येंद्र जैन की तरफ से अदालत में कहा गया था कि उन्हें और हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. वह पहले ही लंबे समय से न्यायिक हिरासत में हैं. उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी के पास पुख्ता सबूत नहीं हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. ऐसे उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाना चाहिए.
ये है सत्येंद्र जैन पर आरोप
सत्येंद्र जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था. उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया था. जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे. जानकारी के अनुसार, 2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम कर दिए गए थे.