संत रविदास ने मानवता तथा मानव सेवा को ही धर्म की संज्ञा दी: राजकुमार जाटव

- नगर व क्षेत्र में संत रविदास की 645 वीं जयन्ती पर की गई पूजा अर्चना के साथ निकाली गई शोभायात्राऐं
देवबंद [24CN]: नगर के रविदास मार्ग स्थित जाटव नगर में श्री रविदास समाज विकास समिति द्वारा आयोजित मंन्दिर पर संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी के 645 वें जन्मोत्सव पर गोष्ठी का आयोजन किया।
इस अवसर पर गुरु रविदास जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए पूर्व पालिका सभासद राजकुमार जाटव ने कहा कि श्री गुरु रविदास जी आज के दिन पूर्णिमा को कांशी के एक साधारण परिवार में जन्मे थे। संत रविदास ने अपने असाधारण चिंतन एवं कर्मयोग के द्वारा आध्यामिक जगत में प्रतिष्ठा पाई तथा संत रविदास ने मानवता तथा मानव सेवा को ही धर्म की संज्ञा दी है। उन्होंने लोगों को बताया कि व्यक्ति का धर्म कोई भी हो लेकिन कर्म ही उसे महान बनाता है। उन्होने कहा मन चंगा तो कठौती में गंगा संत शिरोमणि गुरु रविदास जी ने यह सिद्ध कर दिया कि ग्रहस्थ जीवन में रहकर भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी के बताये मार्ग पर चलकर समाज में बुराइयों का अन्त करके सचाई के मार्ग पर चलना चाहिए। यशपाल सिंह जाटव ने श्री रविदास जी के जन्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री गुरु रविदास जी के जन्मोत्सव को समाज त्यौहारों की तरह मनाना चाहिए और समाज को संतो के बताये मार्ग पर चलना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व पूजा अर्चना कर हवन किया गया। इस अवसर पर महेंद्र कुमार जाटव, चंदप्रकाश, पडित अमरदीप, लंविश जाटव, शुभम जाटव, विक्की जाटव, राजू जाटव, मनोज कुमार जाटव, मोन्टी जाटव मांगे राम जाटव राकेश कुमार जाटव श्रीमती सुरेखा जाटव, कु0 भव्या जाटव, विभोर जाटव आदि सामिल रहे ।
उधर, संत शिरोमणि गुरु रविदास योग आश्रम सैनपुर में रात्रि को सत्संग का आयोजन किया गया और दिन में विशाल लंगर चलता रहा। रात्रि में सत्संग में योगी जी महाराज के परम शिष्य जसवीर दास आचार्य जी ने गुरुवाणी व प्रवचन करते हुए समझाया कि गुरु रविदास जी हवन-यज्ञ, मूर्ति पूजन का खंडन करते हैं लेकिन आज हम हवन-यज्ञ और मूर्ति पूजन के पाखंडवाद में ही फंसे हुए हैं । हमें अपने कार्य को लगन से करना चाहिए जो अपने कार्य को लगन से करता है वहीं हमेशा सफल होता है अन्यथा असफल होता है। उन्होंने भूण हत्या को सबसे बड़ा पाप बताया और कहा कि बच्चों को शिक्षित करना यह सबसे बड़ा कर्म है क्योंकि सभी सुख के द्वार शिक्षा से खुलते हैं कहा कि सभी लड़कियों को शिक्षित करें क्योंकि एक लड़की 3 कुलो को शिक्षित करती है। इस मौके पर विश्वास दास,नाहरसिंह, केशवदास, संजय, सन्नी, सोनी, अनुराग, सचिन, सुशील, श्याम सिंह, रणवीर, राजेश, धर्मदास, रामदास, फिमूदास, भंवर सिंह, वीर सिंह, लोकेश, संगीता, सरिता, ओमपाल, जसवीरी, अनारकली, देशराज आदि उपस्थित रहे।